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कुछ जज आलसी और कुछ अक्षम होते है, Collegium आमतौर पर कार्रवाई नही करता- Justice Chelameswar

Collegium की कार्यवाही पर Justice Chelameswar ने कहा कि जजो के खिलाफ कुछ आरोप कोलेजियम के समक्ष आ सकते हैं लेकिन आमतौर पर कुछ भी नहीं किया जाता है.यदि आरोप गंभीर हैं तो कार्रवाई की जानी चाहिए.

Written By Nizam Kantaliya | Published : April 12, 2023 5:23 AM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज Justice Jasti Chelameswar ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. Justice Chelameswar ने कहा कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति और तबादले करने वाला कॉलेजियम बहुत ही अपारदर्शी तरीके से काम करता है और जजों के खिलाफ आरोप सामने आने पर अक्सर कोई कार्रवाई नहीं करता है.

कॉलेजियम की कार्यवाही पर Justice Chelameswar ने कहा कि जजो के खिलाफ कुछ आरोप कोलेजियम के समक्ष आ सकते हैं लेकिन आमतौर पर कुछ भी नहीं किया जाता है. यदि आरोप गंभीर हैं तो कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होने कहा कि ऐसे मामलो में आरोपो का सामान्य समाधान केवल जजो का तबादला करना है.

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Justice Chelameswar ने कहा कि कुछ जज आलसी और कुछ अक्षम होते है और समय पर निर्णय नहीं लिखते हैं जबकि कई अन्य सीधे तौर पर अक्षम हैं.

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Justice Jasti Chelameswar केरल हाईकोर्ट में भारतीय अभिभाषक परिषद द्वारा आयोजित "Is Collegium Alien To The Constitution", सेमीनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे.

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ट्रोलिंग का शिकार

देश में न्यायपालिका को लेकर Justice Chelameswar ने कहा कि किसी भी लोकतंत्र के अस्तित्व के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका आवश्यक है.

उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद इस विषय पर बोलने के लिए उन्हें आलोचना और ऑनलाइन ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ सकता है.

"अब अगर मैं कुछ भी कहता हूं तो कल मुझे यह कहते हुए ट्रोल किया जाएगा कि 'वह सेवानिवृत्त होने के बाद यह सब क्यों कह रहे हैं', लेकिन यह मेरा भाग्य है."

स्वतंत्र न्यायपालिका आवश्यक

न्यायपालिका की स्वतंत्रता का पक्ष लेते हुए उन्होने कह कि "जरा सोचिए अन्यथा क्या होगा। कल्पना कीजिए कि एक पुलिसकर्मी क्या कर सकता है। ऐसा नहीं है कि वे बुरे हैं, लेकिन उनके पास शक्ति है और वे खुद के लिए कानून बन सकते हैं."

केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू के हालिया बयान को लेकर भी Justice Chelameswar ने कहा कि "हमारे वर्तमान कानून मंत्री ने 42वें संशोधन के आधार पर एक बयान दिया है, और मुझे कहना होगा कि इस तरह की मर्दानगी सभी के लिए खराब है."

Justice Chelameswar ने कहा कि कोई भी आम आदमी पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहा है और उन्हें प्रभावित करने वाली प्रणालियों को कैसे सुधारना है.