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Sixty-five Percent Reservation: राजद नेता तेजस्वी यादव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी यादव की याचिका पर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही मामले को बिहार सरकार की याचिका के साथ संलग्न करने को कहा है. तेजस्वी यादव ने अपनी याचिका में वंचित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लिए 65% आरक्षण की मांग की है

Written By Satyam Kumar | Published : September 6, 2024 3:05 PM IST

SixtyFive Per Cent Reservation: सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी यादव की याचिका पर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही मामले को बिहार सरकार की याचिका के साथ संलग्न करने को कहा है. तेजस्वी यादव ने अपनी याचिका में वंचित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लिए 65% आरक्षण की मांग की है.

तेजस्वी यादव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने मामले में सुनवाई. पीठ ने राजद नेता व बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की याचिका पर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है और मामले को आगे के लिए टाल दिया है. आसार है कि ये सुनवाई दशहरे की छुट्टी के बाद होगी. सीजेआई ने मामले को बिहार सरकार की याचिका के साथ इसे संलग्न करने के आदेश भी दिए हैं.

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तेजस्वी यादव ने अपनी याचिका में मांग की है कि तमिलनाडु के जैसे ही बिहार में भी आरक्षण की व्यवस्था लागू हो और इसे नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए जिससे न्यायपालिका  के सामने किसी तरह की चुनौती न आए. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है.

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पहले पटना हाईकोर्ट ने किया था 65% आरक्षण रद्द

पटना हाईकोर्ट ने सरकार के इस कानून को संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16 का उल्लंघन करनेवाला बताया, जिसके चलते बिहार पदों और सेवाओं में रिक्तियों के आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023 और बिहार (शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में) आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023 ने इस कानून को रद्द कर दिया था. पटना हाईकोर्ट फैसले में कहा था कि राज्य विधानमंडल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले से व्याख्या की गई संवैधानिक योजना पर फिर से कानून बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती. इंद्रा साहनी और अन्य मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों का हवाला देते हुए, पीठ ने कहा कि 50% से अधिक आरक्षण समानता के संवैधानिक मानदंड का उल्लंघन होगा.

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बिहार सरकार का 65% आरक्षण क्या है?

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50% से ज्यादा रिजर्वेशन नहीं, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

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