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अंतिम दौर में SIT की विवेचना,अतीक-अशरफ के हत्यारोपितों के खिलाफ जल्द दाखिल होगी Chargesheet

Atiq Ahmed-Ashraf Murder Case

अतीक और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात को पुलिस हिरासत में मीडिया के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

Written By My Lord Team | Published : July 11, 2023 2:11 PM IST

प्रयागराज: गैंगस्टर से नेता बने भाइयों अतीक अहमद और अशरफ की हत्या की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (Special Task Force ) 90 दिनों की निर्धारित अवधि समाप्त होने के साथ जल्द ही अपनी चार्जशीट दाखिल कर सकती है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि आरोपी सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य के खिलाफ आरोप पत्र तैयार कर लिया गया है और ये 15 जुलाई तक अदालत में दाखिल किया जाएगा। अतीक और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात को पुलिस हिरासत में मीडिया के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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हालांकि कहा जाता है कि पुलिस ने आरोप पत्र में तीन आरोपियों के पड़ोसियों सहित कई लोगों के बयान शामिल किए हैं, लेकिन अपराध के संबंध में कुछ प्रासंगिक (Relevant ) प्रश्न अभी भी अनुत्तरित हैं। जबकि दस्तावेज़ में हमलावरों के मकसद और पिछले रिकॉर्ड का उल्लेख है, पुलिस जांच कथित तौर पर इस बात पर कोई प्रकाश नहीं डालती है कि हत्याओं की योजना किसने बनाई या योजना में चौथे व्यक्ति की भूमिका क्या थी।

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इसके अलावा, पुलिस के पास कथित तौर पर इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि तीनों आरोपियों ने अत्याधुनिक आग्नेयास्त्र चलाना कैसे सीखा, जिनका इस्तेमाल अपराध में किया गया था, और उन्हें कैमरा और माइक्रोफोन कहां से मिला, जिसका इस्तेमाल वे खुद को मीडियाकर्मियों के रूप में छिपाने के लिए करते थे।

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पुलिस विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एसआईटी ने गहन जांच की और तीनों हमलावरों के पड़ोसियों, रिश्तेदारों और दोस्तों के बयान लिए। इन बयानों के आधार पर आरोपपत्र में हमलावरों को 'आक्रामक' बताया गया।

कथित तौर पर हमलावरों के पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के गोगी और सुंदर भाटी गिरोह जैसे आपराधिक गुटों से भी संबंध थे और पुलिस हिरासत में अतीक और अशरफ की सनसनीखेज हत्याओं के पीछे का मकसद प्रसिद्धि और पैसा कमाना था।

अधिकारियों ने कहा, "उमेश पाल की हत्या के बाद अतीक की मीडिया कवरेज देखने के बाद हमलावरों ने उसे खत्म करने और अपने लिए बड़ा नाम कमाने की योजना बनाई।" अपराध में इस्तेमाल की गई जिगाना (अर्ध-स्वचालित) बंदूक भी पुलिस को ज्यादा सुराग नहीं दे पाई।

सनी सिंह ने पूछताछ के दौरान कथित तौर पर दावा किया कि उसे दो साल पहले गैंगस्टर जितेंद्र गोगी ने अपने प्रतिद्वंद्वी टिल्लू ताजपुरिया को खत्म करने के लिए पिस्तौल दी थी। लेकिन जब 2021 में दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में गोगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई तो सनी पिस्तौल लेकर भाग गया।

राज्य सरकार ने अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए एसआईटी के अलावा न्यायिक आयोग का भी गठन किया था।