शिल्पा शेट्टी को अब जिला अदालत से भी मिली बड़ी राहत, रिचर्ड गेरे चुंबन मामले में बरी करने का आदेश बरकरार
नई दिल्ली: अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को मुंबई की एक जिला अदालत से बड़ी राहत मिली है. जिला न्यायालय ने अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को वर्ष 2007 में राजस्थान में एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेरे द्वारा सार्वजनिक रूप से चूमने के बाद उनके खिलाफ दायर मामले में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है.
मुंबई की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने इस मामले में शिल्पा शेट्टी को अश्लिलता के मुकदमें से बरी कर दिया था. मजिस्ट्रेट की अदातल के फैसले को चुनौती देते हुए महाराष्ट्र राज्य सरकार ने पुनरीक्षण याचिका दायर की थी.
अब सत्र अदालत के जज एससी जाधव ने मजिस्ट्रेट अदातल के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है.
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राजस्थान में हुई थी घटना
गौरतलब है कि वर्ष 2007 में एक प्रचार कार्यक्रम में हुई इस घटना के बाद, राजस्थान के मुंडावर में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के समक्ष शेट्टी और गेरे के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग करते हुए एक शिकायत दर्ज की गई, जिसे अनुमति दे दी गई थी.
मामले में शिल्पाा सहित अन्य पर आईपीसी की धारा 292, 293, 294 (अश्लीलता) के तहत सूचना प्रौद्योगिकी और महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था.
बाद में शिल्पा की ओर से मुकदमें को राजस्थान से मुंबई ट्रांसफर करने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमति मिलने पर 2017 में यह मामला मुंबई की अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया था.
मुंबई में इस मामले की सुनवाई बल्लार्ड पियर में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा करते हुए फैसला सुनाया गया था.
मजिस्ट्रेट ने किया था बरी
मजिस्ट्रेट केतकी चव्हाण द्वारा जनवरी 2022 में दिए गए फैसले में शेट्टी को बरी कर दिया गया था. अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि शेट्टी गेरे द्वारा किए गए कृत्य का शिकार हुई है, जो इस मामले का मुख्य आरोपी है.
मजिस्ट्रेट के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य सरकार ने अपील करते हुए सत्र न्यायालय के समक्ष चुनौती दी थी. सरकार ने अपील में कहा कि मजिस्ट्रेट ने आरोपी को आरोप मुक्त करने में गलती की है और यह आदेश अवैध और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है.