Advertisement

यौन उत्पीड़न मामला: दिल्ली पुलिस ने SC से कहा बृजभूषण सिंह के खिलाफ दर्ज होगी प्राथमिकी

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को पहलवानों को खतरे का आकलन करने और उनमें से एक पहलवान को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश भी दिया.

Written By My Lord Team | Published : April 28, 2023 7:08 PM IST

नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सात महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों पर वह शुक्रवार को ही प्राथमिकी दर्ज करेगी, वहीं, देश के शीर्ष पहलवानों का राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन जारी है. समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ को बताया कि आज प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.

मेहता ने पीठ से कहा, हमने प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला किया है। यह आज दर्ज की जाएगी।’’ पीठ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं किये जाने को लेकर सात महिला पहलवानों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

Advertisement

पीठ ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को पहलवानों को खतरे का आकलन करने और उनमें से एक पहलवान को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश भी दिया, जो नाबालिग है और यौन उत्पीड़न की कथित पीड़ित है। इस मामले में देश के कई नामचीन पहलवान रविवार से यहां जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं.

Also Read

More News

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सॉलिसीटर जनरल ने पीठ को बताया कि चूंकि आरोप संज्ञेय अपराध का संकेत देते हैं, इसलिए पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला किया है. उसने कहा कि पहलवानों की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल सीलबंद लिफाफे में एक हलफनामा रिकॉर्ड में रखा है, जिसमें नाबालिग लड़की की सुरक्षा को खतरे का अंदेशा जताया गया है.

Advertisement

पीठ ने कहा, रिकॉर्ड में रखी गयी जानकारी को ध्यान में रखते हुए हम पुलिस आयुक्त, दिल्ली को निर्देश देते हैं कि खतरे की आशंका का आकलन करें और नाबालिग लड़की को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएं।’’

उसने निर्देश दिया कि सुनवाई की अगली तारीख, पांच मई से पहले शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर किया जाए और उसमें नाबालिग की सुरक्षा को लेकर उठाये गये कदमों की जानकारी दी जाए.

पीठ ने कहा कि कथित नाबालिग पीड़िता को सुरक्षा देने का उसका निर्देश अन्य फरियादियों को खतरे की आशंका का स्वतंत्र आकलन करने में पुलिस आयुक्त के रास्ते में नहीं आएगा.

दिल्ली पुलिस ने 26 अप्रैल को शीर्ष अदालत से कहा था कि वह यौन उत्पीड़न के आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज करे, उससे पहले प्रारंभिक जांच जरूरी है। शीर्ष अदालत ने सात महिला पहलवानों की याचिका पर मंगलवार को दिल्ली पुलिस और अन्य को नोटिस जारी किया था और कहा था कि मामला गंभीर’ है और इस पर विचार करने की जरूरत है.