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यौन शोषण मामला: हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा कि नाबालिगों पहलवानों की याचिका पर कौन सी अदालत करेगी सुनवाई

Wrestlers stage a protest against the WFI chief Brij Bhushan Sharan Singh

ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में गौरव हासिल करने वाले प्रमुख पहलवान, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर 23 अप्रैल से धरना दे रहे थे.

Written By My Lord Team | Published : May 31, 2023 11:38 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध लगे कथित यौन शोषण मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल से जवाब मांगा है कि कौन सी अदालत बृजभूषण सिंह के खिलाफ अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली नाबालिग पहलवानों की याचिकाओं पर विचार करेगी.

आपको बता दें की महिला पहलवानों ने अदालत की निगरानी में डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जांच की मांग को लेकर निचली अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

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न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने हालांकि स्पष्टीकरण के लिए एक संचार भेजा कि क्या वह मामले से निपट सकता है या इसे यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अदालत के साथ होना चाहिए, जो कि पटियाला हाउस कोर्ट है.

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रिपोर्ट के नुसार, न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल और दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव को अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने का निर्देश दिया और मामले को 6 जुलाई की की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.

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हटाए गए पहलवानों के सामान

गौरतलब हो की ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में गौरव हासिल करने वाले प्रमुख पहलवान, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर 23 अप्रैल से धरना दे रहे थे. 28 मई को, दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के महीने भर के विरोध के सभी संकेतों को साफ करने के बाद, डब्लूएफआई प्रमुख के विरोध में पहलवानों द्वारा जंतर-मंतर पर लाए गए सभी सामानों को हटा दिया.

आईएएनएस के अनुसार, पुलिस ने 27 मई को डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ प्रदर्शनकारी महिला पहलवानों द्वारा दायर आवेदन पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल की थी, और उनकी ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल को अवगत कराया था कि 'पीड़ित' महिला पहलवानों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किए गए हैं.

 27 जून को होगी अगली सुनवाई

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जसपाल ने पुलिस को 12 मई और 27 मई को दायर की गई दोनों स्थिति रिपोर्ट शिकायतकर्ताओं को देने का निर्देश दिया, जिन्हें पुलिस को आवेदन की एक प्रति देने का भी निर्देश दिया गया. इसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 जून की तारीख मुकर्रर की.

दिल्ली की एक अदालत ने 25 मई को एक सामाजिक कार्यकर्ता और अटल जन शक्ति पार्टी के प्रमुख बम बम महाराज नौहटिया की शिकायत पर पुलिस से प्रदर्शनकारी पहलवानों द्वारा सिंह बृजभूषण सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के मद्देनजर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) मांगी थी.

पहलवानों के खिलाफ केस दर्ज

रिपोर्ट के अनुसार, अटल जन शक्ति पार्टी के प्रमुख के द्वारा सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के "झूठे आरोप" लगाने के लिए पहलवान विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गयी.

बता दे की पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अनामिका ने बम बम महाराज नौहटिया की ओर से दायर एक आवेदन पर निर्देश पारित किया था.

इसके पहले 12 मई को पुलिस ने अदालत को सूचित किया था कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.