शिवलिंग पर बिच्छू टिप्पणी का मामला: शशि थरूर के खिलाफ मानहानि मुकदमे की कार्यवाही पर लगी रोक सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाई
सुप्रीम कोर्ट ने एक मानहानि मामले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक सोमवार को चार सप्ताह के लिए बढ़ा दी है. यह मामला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाकर कथित 'शिवलिंग पर बिच्छू' वाली टिप्पणी के विरुद्ध दायर मानहानि याचिका से जुड़ा है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने दिल्ली पुलिस और शिकायतकर्ता को थरूर की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है. पीठ ने निर्देश दिया कि मानहानि की कार्यवाही पर रोक का अंतरिम आदेश जारी रहेगा.
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि इस मामले का मुख्य मुद्दा यह है कि क्या शिकायतकर्ता राजीव बब्बर पीड़ित पक्ष हैं? बब्बर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हैं. शीर्ष अदालत ने 10 सितंबर को थरूर के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में निचली अदालत के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.
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कांग्रेस सांसद ने उच्च न्यायालय के 29 अगस्त के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है. उच्च न्यायालय ने थरूर के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया था. थरूर ने आपराधिक मानहानि शिकायत में उन्हें आरोपी के रूप में तलब करने के निचली अदालत के 27 अप्रैल, 2019 के आदेश को रद्द करने की मांग की थी. बब्बर ने निचली अदालत में थरूर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और दावा किया था कि कांग्रेस नेता के बयान से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. थरूर ने अक्टूबर 2018 में दावा किया था कि एक अनाम आरएसएस नेता ने मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से की थी.