सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर ED ने की सुनवाई टालने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने मान ली
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने डीएमके नेता और तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर सुनवाई 12 जुलाई तक के लिए टाल दी है. सर्वोच्च न्यायालय ने ED ने आज की सुनवाई को टालने की मांग की थी, जिसे पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी रजामंदी दी है. तमिलनाडु मंत्री सेंथिल बालाजी को पिछले साल एक कथित कैश-फॉर-जॉब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के 28 फरवरी के आदेश पर रोक लगाने को लेकर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. मद्रास हाईकोर्ट ने बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया और चार सप्ताह के भीतर केंद्रीय एजेंसी से जवाब मांगा.
तुषार मेहता की मांग का मुकुल रोहतगी ने किया विरोध
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ से सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने अनुरोध किया कि मामले की सुनवाई 12 जुलाई को हो. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता केंद्र के दूसरे सबसे बड़े विधि अधिकारी हैं और वे प्रवर्तन निदेशालय (ED) का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
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तुषार मेहता के अनुरोध का बालाजी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने विरोध किया.
रोहतगी ने पूछा, 'वे (ईडी) कितनी बार स्थगन लेंगे?'
इससे पहले 16 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 10 जुलाई की तारीख तय की थी, क्योंकि उसे बताया गया था कि ईडी का प्रतिनिधित्व करने वाले विधि अधिकारी आबकारी नीति मामले में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर विचार कर रही एक अन्य पीठ के समक्ष पेश नहीं हुए.
नौकरी के बदले नकदी’ में सेंथिल बालाजी हुए गिरफ्तार
समाचार एजेंसी भाषा (Bhasha) के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले नकदी’ के कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में सेंथिल बालाजी को 14 जून को गिरफ्तार किया था. ईडी ने मंत्री पर 2014-15 में राज्य के परिवहन उपक्रमों में कथित नौकरी के बदले नकदी’ घोटाले में अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. बालाजी पहले अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (AIADMK) में थे और दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की सरकार में परिवहन मंत्री थे.