गोरेगांव पात्रा चॉल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय राउत PMLA कोर्ट में हुए पेश
शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत गुरुवार को गोरेगांव के पात्रा चॉल से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश हुए. यह एक नियमित सुनवाई थी और वे जमानती शर्तों के अनुसार अदालत में पेश हुए. अब मामले में अगली तारीख 21 अक्टूबर को है.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले की एक गवाह स्वप्ना पाटकर ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अतिरिक्त निदेशक (पश्चिमी क्षेत्र) को एक पत्र लिखकर मामले की जांच के दौरान दिए गए बयानों को बदलने के लिए बलात्कार और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था.
पत्र में पाटकर ने लिखा,
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"मैं आपके संज्ञान में लाना चाहती हूं कि मामले के आरोपी और उसके गुंडे लगातार मुझे धमकाने करने में लगे हैं और हो सकता है कि अन्य लोग भी ऐसा कर रहे हों. मुझे लगातार धमकाया जा रहा है और जांच के दौरान दिए गए मेरे बयानों को बदलने के लिए दबाव डाला जा रहा है, साथ ही मुझ पर एक आरोपी संजय राउत और उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर कुछ ज़मीनों और संपत्तियों के मालिकाना हक के लिए भी दबाव डाला जा रहा है."
इससे पहले भी स्वप्ना पाटकर ने मुंबई के वकोला पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि बुधवार को किसी ने उनके घर के परिसर में एक बोतल फेंकी और उस बोतल में एक पत्र मिला जिसमें उन्हें अदालत में अपनी आवाज़ उठाने के खिलाफ़ धमकी दी गई थी. उनकी शिकायत के अनुसार, देर रात उन्होंने अपने घर के परिसर में कांच की बोतल टूटने की आवाज़ सुनी. अपने सुरक्षा कर्मचारियों से पूछताछ करने पर उन्हें पता चला कि बोतल के अंदर मराठी में एक पत्र था.
गौरतलब है कि शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत इस मामले में कथित आरोपी हैं. 28 जून 2022 को, राउत को 1034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की रोकथाम के संबंध में ईडी ने तलब किया था. मुंबई के पश्चिमी उपनगर गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर इलाके में स्थित पात्रा चॉल का 2008 में पुनर्विकास किया गया था. इसमें 672 किराएदार थे और आवास इकाइयां 47 एकड़ में फैली हुई थीं. पात्रा चॉल मूल रूप से द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों द्वारा निर्मित एक बैरक था और इसका उपयोग सैन्य शिविर के रूप में किया जाता था. 2008 में, म्हाडा ने पुनर्विकास परियोजना को अपने हाथ में लिया और 670 से अधिक किराएदारों के पुनर्वास और इलाके के पुनर्विकास के लिए रियल एस्टेट कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) की सहयोगी कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) को नियुक्त किया.