'हिंसा के दौरान संभल में नहीं था', FIR रद्द करने की मांग लेकर सपा सांसद जिया उर पहुंचे इलाहाबाद हाईकोर्ट
यूपी के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क (MP Zia ur Rehman Burk) की याचिका पर आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. सपा सांसद ने अपनी याचिका के जरिए संभल में हुई हिंसा के संबंध में दर्ज एफआईआर को रद्द करने और उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है. दरअसल, संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसके चलते पांच लोगों की मौत हुई और 20 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल भी हो गए थे. इस मामले में संभल पुलिस ने बर्क को मुख्य आरोपी बनाया है. सपा सांसद ने इसी मामले में हुई एफआईआर (FIR) को रद्द करने की मांग की है.
हिंसा के समय संभल में नहीं था: जिया उर रहमान बर्क
सांसद जिया उर रहमान बर्क ने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. सांसद का तर्क है कि उनकी गिरफ्तारी से उन्हें अपूरणीय क्षति होगी और वह घटना के दौरान संभल में मौजूद नहीं थे. बर्क के अनुसार, संभल में हिंसा के दौरान वह उस समय बेंगलुरु में थे और एफआईआर के बारे में जानने के बाद उन्होंने मामले को बढ़ने से रोकने के लिए दिल्ली में ही रहने का फैसला किया. सांसद का कहना है कि उन्होंने समुदाय के सदस्यों से संपर्क किया और उनसे शांति बनाए रखने का आग्रह किया.
यूपी पुलिस ने बनाया मुख्य आरोपी
संभल पुलिस ने बर्क पर हिंसा से कुछ दिन पहले मस्जिद में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया है. उनका दावा है कि उनके बयान के बाद ही अशांति भड़का. इसके अलावा एफआईआर में स्थानीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल का भी नाम है, जो इस घटना में कथित तौर पर शामिल है. बर्क ने अपनी याचिका में आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आरोप उन्हें और उनकी पार्टी को निशाना बनाने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा हैं. शाही जामा मस्जिद को मंदिर के ऊपर बनाए जाने के दावों के बाद बढ़े तनाव के बीच हिंसा भड़की. पत्थरबाजी और आगजनी के साथ स्थिति और बिगड़ गई, जिसमें कई पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. संभल पुलिस गुरुवार को बर्क के खिलाफ अदालत में सबूत पेश करेगी.
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(खबर एजेंसी इनपुट से है)