Advertisement

आजम खां को नफरती भाषण देने के मामले में मिली राहत, एमपी-एमएलए कोर्ट ने किया बरी

Samajwadi Party Leader Azam Khan

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नफरती भाषण देने के मामले में एमपी/एमएलए मजिस्ट्रेट अदालत ने उस वक्त रामपुर सदर सीट से सपा विधायक रहे खां को 27 अक्टूबर 2022 को तीन साल की सजा सुनाई थी.

Written By My Lord Team | Published : May 24, 2023 4:07 PM IST

रामपुर (उप्र): समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खां को 2019 में नफरती भाषण देने के मामले में एक बड़ी राहत देते हुए रामपुर की एक विशेष अदालत ने निचली अदालत द्वारा दी गयी तीन साल कैद की सजा को खारिज कर दिया.

विशेष एमपी-एमएलए/सत्र न्‍यायाधीश (द्वितीय) अमित वीर सिंह की अदालत के फैसले के बारे में न्यूज़ एजेंसी भाषा को बताते हुए, आजम खां के वकील विनोद शर्मा ने कहा, “निचली अदालत के खिलाफ हमने अपील दाखिल की थी. आज फैसला हमारे पक्ष में आया है. अदालत ने कहा है कि नफरती भाषण मामले में निचली अदालत का फैसला गलत था. हमें उन सभी मामलों में दोषमुक्त कर दिया गया."

Advertisement

इस मामले के एक सरकारी वकील ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि विशेष अदालत ने आजम खां को मिली तीन साल की सजा के फैसले के खिलाफ दायर अपील को स्वीकार कर लिया है और निचली अदालत के सजा के निर्णय को खारिज कर दिया है.

Also Read

More News

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नफरती भाषण देने के मामले में एमपी/एमएलए मजिस्ट्रेट अदालत ने उस वक्त रामपुर सदर सीट से सपा विधायक रहे खां को 27 अक्टूबर 2022 को तीन साल की सजा सुनाई थी.

Advertisement

उसके बाद सपा के वरिष्‍ठ नेता आजम खां की विधानसभा सदस्‍यता खत्‍म कर दी गयी थी और वोट देने का अधिकार भी वापस ले लिया गया था. आजम खां ने निचली अदालत के इस निर्णय के खिलाफ विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए अदालत में अपील की थी.

यहां बता दे की उनकी विधानसभा सदस्‍यता खत्‍म होने के बाद पिछले साल रामपुर सदर सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें भाजपा प्रत्‍याशी आकाश सक्‍सेना ने आज़म खां के करीबी सपा उम्‍मीदवार आसिम राजा को हराया अदालत

अदालत से आज राहत मिलने के बाद भी उनकी विधानसभा सदस्यता फिलहाल बहाल होना मुश्किल है, क्योंकि अवैध रूप से मार्ग जाम करने के मामले में मुरादाबाद की एक अदालत ने आजम खां और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को इसी साल दो-दो वर्ष की सजा सुनाई थी.

इसके बाद अब्दुल्ला की भी विधानसभा सदस्‍यता खत्‍म कर दी गयी थी. इस मामले में भी सजा सुनाये जाने के कारण आजम खां की सदस्यता फिलहाल बहाल होना मुश्किल है.