खराब हेयरकट के लिए सैलून पर लगा जुर्माना तय, अब महिला को मिलेगा ब्याज सहित 2 करोड़ का मुआवजा
नई दिल्ली: राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने महिला के खराब हेयरकट के मामले में 2 करोड़ के मुआवजा देने के अपने आदेश को फिर से दोहराया है.सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपने फैसले का पुनरिक्षण करते हुए आयोग ने ITC मोर्या होटल के सैलून संचालको को पीड़ित महिला को 9% ब्याज के साथ 2 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.
आयोग ने पेश से मॉडल आशना रॉय के परिवाद पर 24 सितंबर 2021 को फैसला सुनाते हुए मॉडल को हुए नुकसान के बदले में दो करोड़ मुआवजा देने का आदेश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपील की थी खारिज
आयोग के इस फैसले के खिलाफ ITC मौर्या ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी विशेष अनुमति याचिका में कहा गया था कि इस मामले में आयोग ने प्रतिवादी हो हुए नुकसान को लेकर गलत आंकलन किया गया है. क्योकि मॉडल ने अपने करियर को लेकर हुए नुकसान के पक्ष में किसी तरह का भौतिक दस्तावेज पेश नहीं किया है.
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8 फरवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के उस आदेश को खारिज कर दिया है जिसमें उसने सैलून में गलत तरीके से बाल काटने पर मॉडल को हुई पीड़ा एवं आय की हानि के एवज में दो करोड़ रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया था.
आईटीसी लिमिटेड की ओर से दायर याचिका पर जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ मामले केा पुन: राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग को भेजते हुए नए सिरे से फैसले का पुनरिक्षण करने के आदेश दिए थे.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आयोग ने अपने फैसले का पुनरिक्षण करने के बाद अपने पुराने फैसले को बरकरार रखा है.
बालों के प्रोडक्ट की मॉडलिंग का दावा
मामले में शिकायतकर्ता और पेशे से मॉडल आशना रॉय ने 12 अप्रैल 2018 आईटीसी मौर्य के सैलून में अपने बालों के ट्रीटमेंट के लिए गई थीं. जिसके बाद मॉडल ने आयोग में गलत ट्रीटमेंट के लिए शिकायत दायर की. शिकायत में दावा किया गया कि सैलून द्वारा उनके द्वारा दिए गए निर्देश से उलट गलत बाल काटने के कारण उसे अपने काम से हाथ धोना पड़ा और आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ा, जिससे उनका रहन-सहन तो बदला ही टॉप मॉडल बनने का सपना भी टूट गया.
शिकायत में मॉडल ने दावा किया था कि वह बालों के ही प्रोडक्ट के लिए मॉडलिंग करती थीं. इस वजह से उनके लंबे बाल उनके करियर की पहचान थे. वह अपने लंबे बालों के कारण बालों के उत्पादों की मॉडल थीं और उन्हें बड़े बालों की देखभाल करने वाले ब्रांडों के लिए मॉडलिंग के कई ऑफर्स मिलते थे.
2 करोड़ के मुआवजे का आदेश
मॉडल ने इस मामले में आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराते हुए दावा किया कि सैलून की गलती की वजह से उसे मिले मॉडलिंग के कई ऑफर्स निकल गए और उनका करियर ख़त्म हो गया. मॉडल ने इस मामले में खराब हेयर कट की वजह से उनका उनका मॉडल बनने के सपना भी टूटने और भविष्य में हुए नुकसान के लिए तीन करोड़ रुपये मुआवजा दिलाने का अनुरोध किया.
24 सितंबर 2021 को इस मामले पर आयोग ने फैसला सुनाते हुए मॉडल को हुए नुकसान के बदले में दो करोड़ मुआवजा देने के आदेश दिए.
ITC मौर्या ने की अपील
आयोग के इस फैसले के खिलाफ ITC मौर्या ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई के दौरान प्रतिवादी मॉडल को 12 अप्रैल 2018 को बाल कटाने से पहले अतीत में किए विज्ञापन एवं मॉडलिंग से जुड़े अपने काम दिखाने या वर्तमान एवं भविष्य में उसके किसी भी ब्रांड के साथ किए करार पेश करने को कहा था. लेकिन प्रतिवादी मॉडल इस मामले में किसी प्रकार का जवाब पेश नही कर पायी.
अत्यधिक असंगत मुआवजा
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आयोग के आदेश के अवलोकन से हमें मुआवजे की मात्रा निर्धारित करने के लिए किसी भी भौतिक साक्ष्य पर चर्चा या संदर्भ नहीं मिलता है.
सुप्रीम कोर्ट ने आयोग के 2 करोड़ के मुआवजे को अत्यधिक असंगत बताते हुए पीठ ने अपने फैसले में कहा कि प्रतिवादी आशना रॉय पीठ के सवालों के संबंध में जवाब देने में पूरी तरह विफल रही है.
महिला को पहुंचा सदमा
आयोग ने फैसले में कहा है कि बालों को गलत तरीके से काटे जाने के कारण महिला अवसाद, सदमे और चिंता से गुजरी और आगे के असाइनमेंट के नुकसान के खतरे का उसे सामना करना पड़ा.
जस्टिस आरके अग्रवाल (अध्यक्ष) और डॉ. एसएम कांतिकर (सदस्य) की बेंच ने कहा, ''शिकायतकर्ता मॉडलिंग करियर में थी और किसी भी हेयर केयर ब्रांड के प्रचार के लिए हर असाइनमेंट के लिए उसे उच्च पारिश्रमिक या शुल्क का भुगतान किया जा रहा था. बाल खोने के बाद वह कष्ट और सदमें में थी क्योंकि उसे अपने मॉडलिंग करियर के नष्ट होने की आशंका थी.''