2018 के बलात्कार मामले में Delhi Court ने दाती महाराज के खिलाफ तय किए आरोप, घटना के छह साल बाद शुरू होगी ट्रायल
साकेत जिला अदालत ने शुक्रवार को 2018 के एक बलात्कार मामले में मदन राजस्थानी उर्फ दाती महाराज के खिलाफ आरोप तय किया है. इस दौरान जिला अदालत ने अन्य 2 आरोपियों पर लगे आरोपों के साथ मुकदमे को आगे बढ़ाने की मंजूरी दी है. आरोप तय करने (Framing Of Charges) के स्टेज में अदालत ने एक आरोपी को बरी भी किया है. बता दें कि ये मामला गॉडमैन दाती महाराज की शिष्या की शिकायत पर शुरू की गई है. पीड़िता ने खुद को भगवान घोषित करनेवाले दाती महाराज पर बलात्कार करने का आरोप लगाया है.
घटना के पांच साल बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट में शुरू होगी सुनवाई
विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट की न्यायाधीश नेहा ने मदन राजस्थानी और उसके दो भाइयों अशोक और अर्जुन के खिलाफ आरोप तय किए है. इस दौरान तक अदालत ने एक आरोपी अनिल को बरी किया है. मदन राजस्थानी और अन्य आरोपियों ने उनके खिलाफ तय किए गए आरोपों से इनकार करते हुए उसे चुनौती दी है, जिसके बाद अदालत ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य दर्ज करने के आदेश देते हुए मामले को 18 अक्टूबर को सूचीबद्ध करने को कहा है.
2018 का रेप केस मामला क्या है?
शुरुआत में फतेहपुर बेरी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने शिकायतकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। बाद में सीबीआई ने भी चार्जशीट दाखिल की थी। 2018 में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया था कि पीड़िता के साथ 2016 में बलात्कार हुआ था। उसने यह भी आरोप लगाया था कि बाल ग्राम राजस्थान के गुरुकुल आश्वासन में उसके साथ बार-बार बलात्कार किया गया। उसने कहा था कि उसने पहले शिकायत दर्ज नहीं कराई थी क्योंकि उसे स्वयंभू भगवान से डर लगता था।