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हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नही! सरकारी नौकरी में 5 अंकों के आरक्षण का फैसला बताया 'असंवैधानिक'

सुप्रीम कोर्ट.

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार द्वारा सरकारी भर्ती की परीक्षा में 5 अंक देने के फैसले को असंवैधानिक करार दिया है. हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी.

Written By Satyam Kumar | Published : June 24, 2024 1:42 PM IST

5 Marks Reservation In Government Job Exam: सोमवार के दिन सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण से जुड़े मामले में अहम फैसला सुनाया है. अदालत ने हरियाणा सरकार द्वारा सरकारी भर्ती की परीक्षा में 5 अंक देने के फैसले को असंवैधानिक करार दिया है. हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार के फैसले को असंवैधानिक करार दिया है.

5 अंको के आरक्षण का फैसला असंवैधानिक: SC

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एसवीएन भट्टी और जस्टिस विक्रम नाथ की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले को सुना है. बेंच ने सरकार द्वारा समाजिक-आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले 5 अंकों के आरक्षण को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ग्रुप C और D में हुई 23000 की नियुक्तियों पर खतरा बढ़ गया है. इन परीक्षा के नतीजे देने में हरियाणा सरकार ने इस आरक्षण का प्रयोग किया है.
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HC ने भी कहा था 'असंवैधानिक'

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में, जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की डिवीजन बेंच ने सरकार के इस फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए सरकारी नौकरी की परीक्षा में इस समाजिक-आर्थिक मानदंड को रद्द कर दिया. साथ ही अतिरिक्त अंक देने के फैसले के चलन को असंवैधानिक करार दिया है. बेंच ने हरियाणा के सरकार इस फैसले को संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 का उल्लंघन भी माना.

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बता दें कि संविधान का अनुच्छेद 14: कानून के समक्ष समानता (Equality Before Law), अनुच्छेद 15: जाति, धर्म, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध (No Discrimination On the Basis of Caste, Religion, Gender or Birth Place) और अनुच्छेद 16: सरकारी में समान अवसर से जुड़ा है.

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हरियाणा सरकार का फैसला क्या था?

हरियाणा सरकार ने कुछ वर्ष पहले ही सरकार नौकरी में समाजिक-आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों को सरकारी नौकरी की परीक्षा में अतिरिक्त 5 अंक प्रदान करना था. इस मानदंड में वे छात्र भी थे जिनके परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है. साथ ही कैंडिडेट राज्य के मूल निवासी हो और उनके परिवार की आर्थिक आय करीब 1.80 लाख रूपये से अधिक नहीं हो. हरियाणा सरकार ने इन मानदंडों को पूरा करने वाले छात्रों को सरकारी नौकरी के चयन प्रक्रिया में अतिरिक्त 5 अंक देने का निर्णय लिया था. अब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए खारिज किया है.

हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को खारिज कर दिया है.