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Calcutta Ram Navmi Violence: NIA ने बंगाल पुलिस के खिलाफ खटखटाया कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा

Calcutta High Court

इस साल बंगाल में राम नवमी के जुलूस के दौरान हुए हिंसा के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी उर्फ एनआईए ने अब पश्चिम बंगाल पुलिस प्रशासन के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जानिए पूरा मामला..

Written By Ananya Srivastava | Published : July 27, 2023 10:00 AM IST

कोलकाता: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने बुधवार को पश्चिम बंगाल पुलिस प्रशासन पर इस साल रामनवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसा की चल रही जांच में असहयोग का आरोप लगाते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) का दरवाजा खटखटाया है।

रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए (NIA) ने राज्य प्रशासन पर मामले से संबंधित दस्तावेज उन्हें सौंपने की प्रक्रिया में देरी करने का आरोप लगाया है।

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यह पहली बार नहीं है जब एनआईए ने राज्य प्रशासन पर मामले में असहयोग का आरोप लगाया है। इससे पहले 19 जून को एनआईए ने इसी शिकायत के साथ कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल-न्यायाधीश पीठ का रुख किया था।

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समाचार एजेंसी आईएएनएस के हिसाब से हाल ही में, न्यायमूर्ति मंथा को डिवीजन-बेंच न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। इसलिए केंद्रीय एजेंसी ने अब इस मामले में न्यायमूर्ति सेनगुप्ता की पीठ का दरवाजा खटखटाया है। पीठ ने इस संबंध में एनआईए की याचिका स्वीकार कर ली है और मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी।

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मामले की एनआईए जांच के आदेश कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने दिए थे। हालांकि, राज्य सरकार ने उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में इस आधार पर चुनौती दी कि एनआईए जांच का आदेश जनहित याचिका के आधार पर दिया गया था, जो राज्य सरकार के अनुसार अनुचित था।

इस मुद्दे पर राज्य सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीशों - मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा - की पीठ ने खारिज कर दिया था।

इस साल 27 अप्रैल को मामले की एनआईए जांच का आदेश देते हुए, कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि उन लोगों को ढूंढना राज्य पुलिस की क्षमता से परे है जो झड़प के लिए जिम्मेदार थे या जिन्होंने हिंसा के लिए उकसाया था और इसलिए एनआईए द्वारा जांच जरूरी थी।