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अदालत में कैदियों की भौतिक उपस्थिति पर Rajasthan High Court ने जताई नाराजगी, कही ये बात

Rajasthan High Court Case

राजस्थान उच्च न्यायालय ने सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए यह कहा है कि कैदियों को जांच के लिए बस से भरतपुर क्यों लेकर जाया जा रहा था जब शारीरिक जांच विशेष परिस्थितियों में ही की जानी चाहिए? जानिए पूरा मामला

Written By Ananya Srivastava | Updated : July 18, 2023 4:09 PM IST

जयपुर: राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) ने अदालतों में कैदियों की भौतिक उपस्थिति पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। हाल ही में हुए भरतपुर गोलीकांड मामले का जिक्र करते हुए मुख्य न्यायाधीश एजी मसीह (Chief Justice SG Masih) की खंडपीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जब कोर्ट ने कहा है कि कैदियों की शारीरिक जांच विशेष परिस्थितियों में ही की जानी चाहिए, तो फिर कैदी को जांच के लिए बस से भरतपुर क्‍यों ले जाया जा रहा था?

कोर्ट ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ''कैदी की बस में हत्या कर दी गई। इस दौरान न केवल आम लोगों की सुरक्षा को खतरा हुआ, बल्कि जेल प्रहरियों के समय की हानि के साथ-साथ सड़क मार्गों को भी नुकसान पहुंचा।'' इसमें उन जेलों के नाम और उनके कारण जानने की कोशिश की गई, जहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा नहीं है।

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राजस्थान उच्च न्यायालय ने कही ये बात

इसके अलावा कोर्ट ने सरकार से दिए गए 45 बिंदुओं पर अनुपालन रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है। कोर्ट ने जेल की व्यवस्थाओं से जुड़े स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।

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सुनवाई के दौरान न्याय मित्र प्रतीक कासलीवाल ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार कोर्ट के आदेशों की पालना को लेकर गंभीर नहीं है।

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कोर्ट द्वारा कैदियों की वीसी के जरिये पेशी कराने के निर्देश के बावजूद कैदी को बस से ले जाया गया और इसी दौरान उसकी मौत हो गयी। इस पर कोर्ट ने राज्‍य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता एम.एस. सिंघवी से कहा कि राज्य सरकार आदेश की अवहेलना का नतीजा देख चुकी है। उसने कहा कि हर कैदी को वीसी के जरिए पेश क्यों नहीं किया जाता।

इस पर एजी ने कहा कि कई बार तो कोर्ट ही वीसी के लिए मना कर देता है। कोर्ट ने कहा कि पर्याप्त संसाधन नहीं होंगे। सरकार को यह देखना चाहिए कि वीसी की सुविधा हर जगह उपलब्ध हो।

राज्य सरकार से कैदी की मौत की स्थिति में मुआवजे के प्रावधान के बारे में पूछा गया।

इस पर जवाब देते हुए एजी ने कहा कि बिल मंगलवार को विधानसभा में पेश किया जा रहा है। इसमें कैदियों के लिए कई प्रावधान किये गये हैं।

क्या था मामला

गौरतलब है कि पुलिस हत्या के आरोपी कुलदीप को बस से भरतपुर कोर्ट में सुनवाई के लिए ले जा रही थी। जब बस अमौली टोल प्लाजा पर रुकी, तो बदमाश बस में चढ़ गए और पुलिसकर्मियों की आंखों पर मिर्च पाउडर से हमला कर दिया। इसके बाद उन्होंने करीब 15 राउंड फायरिंग कर कुलदीप की हत्या कर दी। घटना में एक अन्य आरोपी विजयपाल घायल हो गया। इस घटना में दो यात्रियों को भी गोली लगी