रॉबर्ट वाड्रा को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ा झटका, याचिका खारिज लेकिन 15 दिन की मोहलत
नई दिल्ली, राजस्थान के बीकानेर जिले में जमीन खरीद फरोख्त में कथित घोटाले के मामले में रॉबर्ट वाड्रा को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में आरोपी रॉबर्ट वाड्रा के साथ ही अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए ईडी को स्वतंत्र किया है.
याचिका खारिज लेकिन 15 दिन की मोहलत
जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की पीठ ने इस मूल याचिका को ही खारिज करते हुए रॉबर्ट वाड्रा व अन्य आरोपियों को अपील दायर करने या अन्य सुरक्षा उपाय के लिए 15 दिन का समय दिया है. जिसके बाद अब ईडी रॉबर्ट वाड्रा सहित सभी आरोपियों को मामले की जांच के लिए 15 दिन बाद गिरफ्तार कर सकती है.
घोटाले की जांच के लिए ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा को गिरफ्तार कर पूछताछ करने को लेकर करीब दो वर्ष पूर्व राजस्थान हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर किया था. इसके खिलाफ स्काईलाइट कंपनी, बिचौलिए महेश नागर ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी.
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चार साल से स्टे
वाड्रा व अन्य आरोपियों की ओर से याचिका में कहा गया था कि उन्हे इस मामले में ईडी की और से ईसीआईआर(एनफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट) की प्रति नही दी गयी है जिसके चलते ईसीआईआर को ही रद्द किया जाना चाहिए. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने वाड्रा सहित सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.
ईडी की और से पेश हुए एडिशनल सॉलिस्टर जनरल राज दीपक रस्तोगी ने घोटाले की जांच के लिए सभी आरोपियों की गिरफ्तारी को आवश्यक बताते हुए कहा कि मामले में 2018 से एक्स पार्टी स्टे चल रहा है जिससे जांच प्रभावित हो रही है.
ईसीआईआर के मामले पर ईडी की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के ईडी मामले में दिए फैसले के अनुसार ईसीआईआर की प्रति उन्हें नहीं दी जा सकती है. ईडी की कार्रवाई को चुनौती देने वाली रिट दायर करना अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग है और यह रॉबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगियों द्वारा गंभीर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है.
दोनो पक्षो की बहस सुनने के बाद अदालत ने मामले पर फैसला बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
क्या है मामला
रॉबर्ट वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 2012 में राजस्थान के बीकानेर जिले में कोलायत क्षेत्र में कुछ दलालों के जरिए 270 बीघा जमीन 79 लाख रुपए में खरीदी थी. बीकानेर में भारतीय सेना की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के लिए जमीन आवंटित की गई थी. यह जमीन सेना की थी और इसका बेचान नहीं जा सकता था.
यहां से विस्थापित हुए लोगों के लिए दूसरी जगह पर 1400 बीघा जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन कुछ लोगों ने इस जमीन के फर्जी कागजात तैयार करवाकर वाड्रा की कंपनी को बेच दिए. फर्जी तरीके से जमीन के बेचने का मामला उजागर होने से पहले वाड्रा की कंपनी ने इस जमीन को 5 करोड़ रुपए में बेच दिया.