मुंबई रेलवे की जमीनों पर लगी होर्डिंग्स की पूरी जिम्मेदारी लेंगे: रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
Mumbai Railway Hoardings: हाल ही में रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वे आने वाले मानसून में मुंबई के मध्य और पश्चिमी रेलवे की जमीनों पर लगे होर्डिंग्स की पूरी जिम्मेदारी लेगा. रेलवे का ये जवाब बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) द्वारा मानसून में होर्डिंग्स से दुर्घटना की आशंका जताने पर आई. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट रेलवे की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें रेलवे ने BMC के 15 मई के आदेश को चुनौती दी है. बीएमसी ने 13 मई को मुंबई के मध्य उपनगर घाटकोपर में हुए होर्डिंग्स हादसे के बाद सभी ओवरसाइज़ होर्डिंग्स को हटाने का आदेश दिए थे.
रेलवे ने होर्डिंग्स को हटाने के फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि इससे कई व्यवसायिक और कानूनी पहलुओं खड़े हो जाएंगे. वहीं, होर्डिंग्स में संरचनात्मक सुधार को लेकर रेलवे तत्पर है.
दुर्घटना की जिम्मेदारी उठाएंगे: रेलवे
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल की वेकेशन बेंच रेलवे होर्डिंग्स से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही है. सुनवाई के दौरान बीएमसी (BMC) के सीनियर एडवोकेट बलबीर सिंह ने रेलवे के जवाब पर अपना पक्ष रखने के लिए समय की मांग की.
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सीनियर एडवोकेट सिंह ने मुंबई में मानसून के दौरान रेलवे भूमि पर लगे विशाल होर्डिंग्स से किसी भी दुर्घटना की जिम्मेदारी का मुद्दा उठाया.
रेलवे की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने प्रत्युत्तर दिया.
एएसजी ने कहा,
“रेलवे केंद्रीय और पश्चिमी रेलवे भूमि पर खड़े होर्डिंग्स के संबंध में पूर्ण जिम्मेदारी लेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि मानसून के कारण कोई अप्रिय घटना न हो.”
रेलवे ने ये बताया कि बड़े होर्डिंग्स को अचानक हटाने से व्यावसायिक और कानूनी परिणाम हो सकते हैं. जहां तक टेंडर लेने वालों की बात है, उनके पक्ष को भी सुना जाना चाहिए. रेलवे ने अदालत को सुरक्षा उपायों को बताया कि वे लाइसेंसधारियों से संरचनात्मक सर्टिफिकेट मंगाए जाते हैं.
सुप्रीम कोर्ट में, अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी.