हाई कोर्ट ने हरियाणा के आईएएस अधिकारी विजय दहिया की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की
चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने शुक्रवार को हरियाणा के आईएएस अधिकारी विजय दहिया की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी. समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, उन पर भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.
2001 के हरियाणा संवर्ग के अधिकारी दहिया ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) की अर्जी लगायी थी. उन पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एक महिला की गिरफ्तारी के बाद 20 अप्रैल को मामला दर्ज किया था. वह पहले पंचकूला में हरियाणा कौशल विभाग आयुक्त पद पर नियुक्त थे. आरोप है कि दहिया की जान-पहचान की इस महिला ने रिश्वत के एवज में कुछ बिल को मंजूरी दिलाने में कथित रूप से बिचौलियों का काम किया था.
एजेंसी की माने तो, एसीबी ने इस महिला के अलावा दहिया तथा एक और अधिकारी के विरूद्ध भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम (Prevention of Corruption Act) एवं अन्य संबंधित कानूनों के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. सरकारी वकील दीपक सभरवाल ने बताया कि न्यायमूर्ति जी एस गिल ने दहिया की अर्जी खारिज कर दी. उससे पहले, पंचकूला की एक अदालत ने तीन मई को इस मामले में दहिया की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. उसके बाद वह उच्च न्यायालय पहुंचे थे.
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जानकारी के मुताबिक, इस मामले में शिकायतकर्ता फतेहाबाद का निवासी है जिसने कहा था कि एसी तकनीशियन का प्रशिक्षण देने के अलावा वह शैक्षणिक संस्थान और कंप्यूटर कोर्स भी चलाता है. उसने कहा था कि उस काम के लिए हरियाणा कौशल विभाग से उसे 50 लाख रुपये मिलने थे और उसके बिल कुछ समय से लंबित थे.
उसके अनुसार उसके बिल को मंजूरी देने के लिए सह आरोपी उससे पांच लाख रुपये मांग रहा था और उसी ने उसे दहिया की जान-पहचान वाली महिला से मिलने को कहा था. तब शिकायतकर्ता ने एसीबी से शिकायत की. एसीबी ने महिला को तीन लाख रुपये कथित रूप से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया.
दहिया ने कहा है कि निहित स्वार्थ’ के कारण इस मामले में उन्हें झूठे तरीके से फंसाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में उन्होंने न तो किसी रिश्वत की मांग की और न ही कोई रिश्वत ली.