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Prostitution : भारत में वेश्यावृति कानूनी या गैरकानूनी, जाने क्या है सेक्स वर्कर्स के अधिकार

भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत, वेश्यावृत्ति वास्तव में अवैध नहीं है, लेकिन कुछ गतिविधियां ऐसी हैं जो वेश्यावृत्ति का एक बड़ा हिस्सा है और कुछ प्रावधानों के तहत दंडनीय हैं.

Written By Nizam Kantaliya | Published : December 28, 2022 7:40 AM IST

नई दिल्ली: वेश्यावृत्ति को भारतीय समाज बहुत हीन नजरों से देखता है. ऐसा देखा गया है कि एक बार जो इसका हिस्सा बन जाता है फिर समाज उसे अपनाने से कतराता है.लोग इन्हे तरह तरह के नामों से बुलाते हैं. वेश्यावृत्ति सदियों से चली आ रही है. इसमें कुछ अपनी मर्जी से आते हैं, तो कुछ को जबरन इसमें धकेल दिया जाता है. इसके लिए लोग उसमें शामिल वेश्याओं को ही जिम्मेदार मानते हैं.

अधिकांश लोग ये नहीं जानते कि देश में वेश्यावृति कानूनी है या गैरकानूनी. जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत में वेश्यावृति भी एक पेशा बन गया है. इतना ही नहीं इसमें शामिल सेक्स वर्कर्स को कई अधिकार भी दिये गए हैं. आईए जानते हैं भारत में वेश्यावृत्ति  (Prostitution ) पर क्या कानून है.

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वेश्यावृत्ति (Prostitution)

वेश्यावृत्ति या जिस्मफरोशी सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण आदेश के  बाद अब एक किस्म का पेशा हो गया है. जिसके तहत सेक्स वर्कर्स के द्वारा पैसों के लिए शारीरिक रिश्ते बनाते जाते हैं. पैसों के लिए स्थापित यौन संबंध वेश्यावृत्ति कहलाता है. इस कारोबार को करने वाले लोगों को वेश्या कहा जाता है.

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भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत, वेश्यावृत्ति वास्तव में अवैध नहीं है, लेकिन कुछ गतिविधियां ऐसी हैं जो वेश्यावृत्ति का एक बड़ा हिस्सा है और कुछ प्रावधानों के तहत दंडनीय हैं.

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वेश्यावृत्ति उन्मूलन विधेयक 1956 के मुताबिक. सेक्स वर्कर निजी तौर पर यह काम कर सकती है.

अनैतिक ट्रैफिक रोकथाम अधिनियम (Prevention of Immoral Trafficking ) -1986 के तहत कोई सेक्स वर्कर किसी को शारीरिक संबंध बनाने के लिए जबरदस्ती नहीं कर सकती. ऐसा करना एक दंडात्मक अपराध माना गया है.इसके अलावा, कॉल गर्ल अपना फोन नंबर सार्वजनिक नहीं कर सकतीं. ऐसा करते पाए जाने पर उन्हें 6 महीने तक की सजा और जुर्माना भी लग सकता है.

होटलों में अपराध

सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश 2010 के एक मामले पर सुनवाई करते हुए दिया था. जो मानव तस्करी(Human Trafficking) और सेक्स वर्कर्स के रिहैबिलिटेशन से जुड़ा है.

वेश्यावृत्ति एक पेशा

सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई, 2022 को, यह माना कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सेक्स वर्कर्स को सम्मान और जीवन के अधिकार की गारंटी है. इस तरह, यौनकर्मियों को कानूनी रूप से परेशान और गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है, लेकिन वेश्यालय चलाना अभी भी अवैध हैं.

जस्टिस एल नागेश्वर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा " वेश्यावृत्ति एक पेशा है. सेक्स वर्कर्स भी कानून के तहत सम्मान और समान सुरक्षा के हकदार हैं.

" सेक्स वर्कर्स कानून के समान संरक्षण के हकदार हैं. अगर कोई सेक्स वर्कर एडल्ट है और अपनी मर्जी से इस पेशे में है तो पुलिस को इसमें दखल देने या उनके खिलाफ कोई आपराधिक कार्रवाई करने से बचना चाहिए.

संविधान के आर्टिकल 21 तहत प्रत्येक व्यक्ति को सम्मानजनक जीवन का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण दिशा - निर्देश

1. अगर कोई अपनी मर्जी से इस पेशे में आता है तो उसे अरेस्ट, दंडित, परेशान या छापेमारी के जरिए प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए.

2. वेश्यालयों पर छापे के दौरान सेक्स वर्कर्स को अरेस्ट, परेशान या जुर्माना नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि अपनी मर्जी से सेक्स वर्क करना अवैध नहीं है. सिर्फ वेश्यालय चलाना गैरकानूनी है.

3. अगर कोई सेक्स वर्कर अपने खिलाफ हुए यौन उत्पीड़न की शिकायत पुलिस में करती है तो उनके साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. यौन उत्पीड़न की शिकार सेक्स वर्कर्स को हर सहायता मिलनी चाहिए. जिनमें तुरंत मेडिकल और कानूनी सहायता उपलब्ध कराना शामिल है.

4.अगर किसी सेक्स वर्कर का बच्चा है. तो बच्चे को मां से दूर नहीं करना चाहिए. बच्चे की देखभाल का पूरा हक मां का होना चाहिए. अगर किसी नाबालिग को सेक्स वर्कर्स के साथ रहते हुए पाया जाता है तो ये नहीं माना जाना चाहिए कि उसकी तस्करी की गई है.

अगर कोई सेक्स वर्कर मां ये दावा करें कि नाबालिग उसकी संतान है, तो सुनिश्चित कराने के लिए टेस्ट कराया जा सकता है. अगर दावा सही है तो नाबालिग …

Bombay हाई कोर्ट के मुताबिक किसी व्यक्ति का व्यावसायिक मकसद के लिए शोषण अथवा दुरूपयोग तथा सार्वजनिक स्थानों पर यौन संबंध के लिए आग्रह करना अवश्य आपराधिक गतिविधि है.