Prison Reforms: जेल में प्रेग्नेंट होती महिला कैदियों के पीछे कारणों की जांच करेगी जिला स्तरीय कमेटी, Supreme Court ने दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार (16 फरवरी, 2024) जेल की वर्तमान स्थितियों में सुधार करने को लेकर सुनवाई की.पिछले सप्ताह, कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की जेल में महिलाओं के प्रेग्नेंट होने के विषय को स्वत: संज्ञान में लिया था. कोर्ट ने जेल में सुरक्षा उपायों, वहां साफ-सफाई और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को बेहतर करने के निर्देश दिए है.
महिलओं की स्थिति पर लिया Suo Motu
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस ए अमानुल्लाह की बेंच ने जेल में भीड़ की समस्या से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस दौरान बंगाल के जेलों में प्रेंनेंट महिला कैदियों की बढ़ती संख्या के गंभीर मुद्दे को भी स्वत: संज्ञान में लिया है.
जिला स्तरीय कमिटी देगी रिपोर्ट
कोर्ट ने पहले, 30 जनवरी के दिन इस मामले की सुनवाई के दौरान जिला स्तरीय कमिटी बनाकर जेल की वर्तमान स्थिति की जांच करने के साथ-साथ नए सुविधाओं की सूची बनाने के निर्देश दिए हैं.
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जिला स्तरीय कमिटी के ये होंगे सदस्य
डिस्ट्रिक लीगल सर्विस अथॉरिटी (DLSA) के अध्यक्ष, सचिव और जिलाधिकारी (DM), एसपी (SP) और जेल सुपरिटेंडेंट, इस कमिटी के सदस्य होंगे. कोर्ट ने जिला स्तरीय कमिटी को ये शक्ति दी है कि वे जेलों में भीड़ की समस्या से निपटने के उपायों की खोज सकते हैं. वहीं, अब इन कमिटियों को जेलों में महिलाओं की स्थिति सुधारने के उपायों को तलाशने के निर्देश दिये हैं.
कमिटी में रहेंगी सीनियर महिला जज
जिला स्तरीय कमिटी को महिलाओं की स्थिति सुधारने के उपायों को जांच करने की शक्ति दी है. इसके लिए कोर्ट ने एक सीनियर महिला जज को भी शामिल करने के निर्देश दिए ताकि जेलों में महिलाओं के हाईजीन, स्वास्थ्य उपायों और सुरक्षा पहलुओं की जांच कर सही से हो सके.
कोर्ट ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि वे 5 अप्रैल तक जेल की वर्तमान स्थितियों की नई सूची पेश करें.