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राष्ट्रपति मुर्मू ने बॉम्बे HC के सात अतिरिक्त जजों और दिल्ली HC के तीन अतिरिक्त जजों को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया

सांकेतिक चित्र

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के सात अतिरिक्त न्यायाधीशों और दिल्ली हाईकोर्ट के तीन अतिरिक्त न्यायाधीशों को अपने-अपने हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया.

Written By My Lord Team | Published : July 19, 2024 9:10 PM IST

ANI: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के सात अतिरिक्त न्यायाधीशों और दिल्ली हाईकोर्ट के तीन अतिरिक्त न्यायाधीशों को अपने-अपने हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया.

बॉम्बे हाईकोर्ट के दो अतिरिक्त न्यायाधीशों का कार्यकाल भी पुनर्नियुक्ति (Reappointment) के माध्यम से एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है.

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बॉम्बे हाईकोर्ट के जिन अतिरिक्त न्यायाधीशों को उसी न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया है, वे हैं यशवराज गोपीचंद खोबरागड़े, महेंद्र वधूमल चांदवानी, अभय सोपानराव वाघवासे, रवींद्र मधुसूदन जोशी, संतोष गोविंदराव चपलगांवकर, मिलिंद मनोहर सथाये और डॉ. नीला केदार गोखल.

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दिल्ली हाईकोर्ट के जिन अतिरिक्त न्यायाधीशों को उसी न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया है, वे हैं गिरीश कठपालिया, मनोज जैन और धर्मेश शर्मा.

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बॉम्बे हाईकोर्ट के दो अतिरिक्त न्यायाधीश जिन्हें उसी पदनाम के साथ फिर से नियुक्त किया गया है, वे हैं संजय आनंदराव देशमुख और न्यायमूर्ति वृषाली विजय जोशी. केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्हें 07.10.2024 से एक वर्ष की नई अवधि के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है.

अभी हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के दो जजों को नियुक्ति पर अपनी मंजूरी दी है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों पर तेजी से कार्रवाई करते हुए केंद्र ने मंगलवार को जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह और आर महादेवन की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को मंजूरी दे दी. दोनों जजों के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 32 से बढ़कर 34 हो गई है जोकि सुप्रीम कोर्ट में जजों की अधिकतम संख्या है.

जस्टिस सिंह और महादेवन के शपथ ग्रहण के बाद सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी एक बयान में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कहा कि उसने शीर्ष अदालत में नियुक्ति के लिए सिफारिशें करते समय वरिष्ठता, योग्यता, ईमानदारी, क्षेत्र, लिंग और समुदाय की विविधता और समाज के हाशिए पर पड़े और पिछड़े वर्गों को शामिल करने जैसे कारकों को ध्यान में रखा गया है.

मणिपुर के रहने वाले जस्टिस कोटिस्वर सिंह को मूल रूप से अक्टूबर 2011 में गुवाहाटी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. पिछले साल फरवरी में उन्हें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था.