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PMLA Case: आप नेता Manish Sisodia ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

AAP leader Manish Sisodia moves Supreme Court for bail

अप्रैल में स्पेशल जज एमके नागपाल ने आप नेता को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि सबूत, प्रथम दृष्टया, अपराध में उनकी संलिप्तता को दिखाते हैं

Written By My Lord Team | Published : July 7, 2023 12:45 PM IST

नई दिल्ली: आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसमें भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था.

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता को जमानत देने से इनकार कर दिया था. जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने कहा कि मनीष सिसोदिया धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act -PMLA) के तहत जमानत देने की दोहरी शर्तों और जमानत के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने में सक्षम नहीं थे.

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पीठ ने सह-अभियुक्तों- हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली, आप के संचार प्रभारी विजय नायर और पेरनोड रिकार्ड इंडिया के महाप्रबंधक बेनॉय बाबू को भी जमानत देने से इनकार कर दिया.

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जमानत देने से इनकार

आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले इसी घोटाले से संबंधित सीबीआई मामले में हाईकोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था क्योंकि अदालत ने पाया था कि उनके खिलाफ आरोप बहुत गंभीर हैं.

ज्ञात हो कि इस साल 26 फरवरी को सीबीआई द्वारा सिसोदिया को गिरफ्तार करने के बाद ईडी ने 9 मार्च को उन्हें गिरफ्तार किया था. अप्रैल में स्पेशल जज एमके नागपाल ने आप नेता को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि सबूत, प्रथम दृष्टया, अपराध में उनकी संलिप्तता को दिखाते हैं.

मामले से परिचित सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाले (दिल्ली शराब घोटाला) की चल रही जांच से पता चला है कि सिसोदिया ने कथित तौर पर अलग-अलग तरीकों से 622.67 करोड़ रुपये की अपराध आय (पीओसी) अर्जित की थी.

कारोबारी दिनेश अरोड़ा गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate-ED) ने दिल्ली की अब समाप्त की जा चुकी आबकारी नीति को बनाने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े धन शोधन के मामले में बृहस्पतिवार रात को कारोबारी दिनेश अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया.

इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation-CBI) भी कर रहा है और अरोड़ा को उसके मामले में सरकारी गवाह बनाया गया है. लंबी पूछताछ के बाद अरोड़ा को पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया.

दिनेश अरोड़ा से ईडी पहले भी पूछताछ कर चुकी है. खबरों के अनुसार, इस बार वह सवालों का गोलमोल जवाब दे रहे थे और एजेंसी के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

कारोबारी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया के कथित तौर पर करीबी हैं. ईडी ने एक पूरक आरोप पत्र में, सिसोदिया पर दिनेश अरोड़ा के माध्यम से मामले में अन्य आरोपी व्यवसायी अमित अरोड़ा से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है.

सरकारी गवाह बनने के बाद गिरफ्तारी

दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल 16 नवंबर को मामले में दिनेश अरोड़ा को सरकारी गवाह बनाने की सीबीआई की याचिका स्वीकार कर ली थी और उन्हें माफ कर दिया था. यह शायद दुर्लभ या पहला ऐसा मामला है जिसमें सीबीआई के मामले में आरोपी से सरकारी गवाह बने शख्स को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि दोनों संघीय एजेंसियां एक ही मामले की जांच कर रही हैं.

ईडी द्वारा इस मामले में यह 13वीं गिरफ्तारी है जिसमें उसने सिसोदिया के खिलाफ आरोप पत्र समेत अब तक पांच आरोप पत्र दायर किये हैं. ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया गया है कि 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कुछ शराब डीलरों का पक्ष लिया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी. दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इस आरोप का खंडन किया है.