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विदेशी डिग्री धारक भारतीयों के लिए BCI की योग्यता परीक्षा के परिणाम घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

Indian Nationals Holding Foreign Law Degrees

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि पांच महीने से अधिक समय बीत चुका है लेकिन अभी तक 75 से ज्यादा कैंडिडेट्स के रिजल्ट घोषित नहीं किए गए हैं.

Written By My Lord Team | Published : June 8, 2023 1:08 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी लॉ डिग्री रखने वाले भारतीय नागरिकों के लिए 18वीं बार BCI योग्यता परीक्षा (Indian Nationals Holding Foreign Law Degrees) का रिजल्ट घोषित करने का निर्देश बार काउंसिल ऑफ इंडिया को देने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के लिए अनुमति दे दी. इस मामले की सुनवाई जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राकेश बिंदल की अवकाश पीठ कर रही है.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए एडवोकेट यजुर भल्ला ने में कहा कि कैंडिडेट अक्टूबर महीने में होने वाली अखिल भारतीय बार परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगी.

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जानकारी के लिए आपको बता दें कि यह याचिका कैंडिडेट अंचिता नैय्यर की ओर से दायर की गई थी जो आईएनएचएफएलडी परीक्षा में 18वीं बार शामिल हुई थीं. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि पांच महीने से अधिक समय बीत चुका है लेकिन अभी तक 75 से ज्यादा कैंडिडेट्स के रिजल्ट घोषित नहीं किए गए हैं.

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आजीविका पर असर

याचिकाकर्ता कैंडिडेट ने कहा कि रिजल्ट घोषित ना होने के कारण वो एक वकील के रूप में प्रैक्टिस करने के लिए अयोग्य हैं जिसके कारण उनकी कमाई भी नहीं हो पा रही है और उनके आजीविका पर असर पड़ रहा है. बीसीआई की और से व्यक्तिगत रुप से उन्हे ये भरोसा दिया गया था कि एक सप्ताह के अंदर रिजल्ट आ जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

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याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता ने BCI को कई फोन कॉल किए, ईमेल किया यहां तक की कई बार उनके ऑफिस भी गईं लेकिन बीसीआई की और कोई जवाब नहीं दिया गया.

अनुच्छेद 21 का उल्लंघन

अदालत में अनुच्छेद 21 (आजीविका कमाने का मौलिक अधिकार) और अनुच्छेद 19(1) (G) पेशे में संलग्न होने का अधिकार) का हवाला दिया गया. याचिकाकर्ता ने कहा कि वह योग्य होने के बावजूद प्रैक्टिस नहीं कर पा रही है. इसके कारण उनका एक वकील के रूप में स्टेट बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है.

गौरतलब हो कि अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के अनुसार, केवल बार काउंसिल में नामांकित अधिवक्ताओं को भारत में कानून का अभ्यास (प्रैक्टिस) करने की अनुमति हैं इनके अलावा सभी जैसे कि वादी, केवल न्यायालय प्राधिकारी या उस व्यक्ति की अनुमति से उपस्थित हो सकता है जिसके समक्ष कार्यवाही लंबित है.