बिहार में बचे ब्रिजों की हो Structural Audit, मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में PIL
Bihar Bridges Falling Down: पिछले 15 दिनों में बिहार के नौ ब्रिज गिरी है. लगातार ढ़ह रहे इन ब्रिज की घटना को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. जनहित याचिका में बिहार में निर्माणधीन (बन रहे) और पहले से बने पुल की संरचनात्मक लेखा-जोखा (Structural Audit) कराने की मांग की गई है. संरचनात्मक ऑडिट कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से निर्देश देने की मांग की गई है.
जनहित याचिका में ब्रिज गिरने के मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की गई है, क्योंकि पिछले दो वर्षों में बिहार में कई निर्माणाधीन और मौजूदा पुल ढह गए हैं, जिसमें सरकारी खजाने को भारी वित्तीय क्षति हुई है. याचिकाकर्ता ने राज्य को बताया कि राज्य का कुल भौगोलिक क्षेत्र का 73.06% हिस्सा बाढ़ प्रभावित है. बिहार के अररिया, सिवान, मधुबनी और किशनगंज जिलों में विभिन्न पुलों के ढहने की घटनाओं को उजागर किया गया है, जिनमें ज्यादातर नदी पुल (नदी के ऊपर बने पुल) हैं. ऐसे में इन पुलों के ढहने से बहुत से लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि बिहार में पुलों के लगातार ढहने से स्पष्ट है कि कोई सबक नहीं सीखा गया है और राज्य में पुल जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है.
याचिका में चमेली सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि आश्रय के अधिकार (Right To Shelter) के तहत हर नागरिक को साफ, स्वच्छ वातावरण और सुरक्षित निर्माण में रहने का अधिकार है.याचिकाकर्ता ने दावा किया कि सुरक्षित निर्माण में रहने के लिए इन पुलों का संरचनात्मक ऑडिट कराना जरूरी है.
Also Read
- शिक्षकों को सम्मानजनक वेतन नहीं देना ज्ञान का अपमान... सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के संविदा प्राध्यापकों के हक में सुनाया ये फैसला
- आवारा कुत्तों को खाना देने पर SC का नया आदेश, नियम तोड़ने पर लगेगा भारी जुर्माना, जान लें पूरा फैसला
- 'वोटर लिस्ट से बाहर हुए नामों को सार्वजनिक करें', सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिया अहम आदेश
संरचनात्मक ऑडिट के अलावे, याचिका में राज्य में पुलों की स्थिति की निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी गठित करने का निर्देश सरकार को देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई है.