साइरस मिस्त्री मौत मामले में दायर जनहित याचिका पब्लिसिटी के लिए: Bombay HC
नई दिल्ली: सड़क हादसे में टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री की मौत के मामले में दायर जनहित याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट ने पब्लिसिटी के लिए दायर की गई याचिका मानते हुए खारिज कर दिया है.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस. वी. गंगापुरवाला और जस्टिस संदीप मार्ने की पीठ याचिकाकर्ता संदेश जेधे की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि किसी मुकदमे में आरोप तय करना मजिस्ट्रेट का काम है और इस जनहित याचिका में जनहित से जुड़ा कोई मुद्दा माजूद ही नहीं है.
प्रचार के लिए याचिका
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने जनहित याचिका पर बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यह याचिका केवल प्रचार पाने के लिए दायर की गई है. इस मामले से याचिकाकर्ता का दूर तक कोई नाता नहीं है.
Also Read
- 'अप्रैल आखिर तक Bombay HC की नई इमारत के लिए पूरी जमीन सौंप दी जाएगी', महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया
- 11,000 करोड़ रुपये की Custom Duty की मांग के खिलाफ फॉक्सवैगन पहुंचा बॉम्बे हाई कोर्ट, अधिकारियों को गुमराह करने के भी आरोप
- Political Rally में शामिल 'शख्स' को ऐहतियाती हिरासत में रखने पर Bombay HC ने क्यों जताई नाराजगी?
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अदालत में तब किसी मुद्दे पर कोई भी याचिका दायर की जाती है, तो उस मामले से जुड़े तथ्यों को सबूतों के साथ प्रमाणित किया जाना चाहिए और खासतौर पर जब एक जनहित याचिका दायर की जाती है तो यह और भी जरूरी हो जाता है.
पीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा है कि याचिकाकर्ता को इस मामले में तथ्यों की कोई जानकारी नहीं है और उसका इस मामले से कुछ लेना देना भी नहीं है.
पीठ ने कहा कि वे याचिकाकर्ता संदेश जेधे पर जुर्माना लगाने जा रही है.
क्या है मामला
4 सितंबर 2022 को अहमदाबाद से मुंबई जाते समय टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार पालघर जिले में सूर्या नदी के पुल की रेलिंग से टकरा गई थी. इस हादसे में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री और जहांगीर पंडोले की मौत हो गई थी. घटना में गाड़ी चला रहीं अनहिता पंडोलो और उनके पति को भी गंभीर चोटें आईं. घायल पंडोले को 108 दिनों बाद मुंबई के अस्पताल से छुट्टी मिली थी.
पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार अनहिता पंडोलो ने कथित तौर पर ओवरस्पीडिंग के कारण कार नियंत्रण खो दिया और कार डिवाइडर में जा घुसी थी. इस मामले में पुलिस ने अनाहिता पंडोले के खिलाफ धारा 304 ए के तहत चार्जशीट दायर करते हुए लापरवाही के चलते मौत होने का कारण बताया.
क्या कहा गया याचिका में
पालघर पुलिस ने डॉक्टर अनाहिता पंडोले के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के अलावा IPC की धारा 279 (सार्वजनिक सड़क पर तेज गति से गाड़ी चलाना), 304A (उतावलेपन और लापरवाही से मौत का कारण) और IPC की धारा 337 के तहत केस दर्ज किया था.
याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका के जरिए अदालत से अनुरोध किया था कि इस मामले में IPC की धारा 304ए के बजाय, अनाहिता पंडोले पर IPC की धारा 304 के तहत आरोप लगाया जाना चाहिए, जो गैर इरादतन हत्या के बारे में बात करती है.
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि अनाहिता पंडोले नशे की हालत में थी क्योंकि उसने दुर्घटना से पहले शराब का सेवन किया था और इसलिए उस पर धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए. जिसके प्रतिक्रिया में कोर्ट ने कहा की याचिकाकर्ता ने अपने दावे को सबूतों से प्रमाणित करने में विफल रहा है.