Advertisement

साइरस मिस्त्री मौत मामले में दायर जनहित याचिका पब्लिसिटी के लिए: Bombay HC

बॉम्बे हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता संदेश जेधे को बिना रिसर्च किए तथ्यो से रहित जनहित याचिका दायर करने पर फटकार लगाते हुए जुर्माना लगाने के आदेश दिए है. हाईकोर्ट ने याचिका पर लगाए जुर्माने का खुलासा नहीं किया.

Written By Nizam Kantaliya | Published : January 18, 2023 1:27 PM IST

नई दिल्ली: सड़क हादसे में टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री की मौत के मामले में दायर जनहित याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट ने पब्लिसिटी के लिए दायर की गई याचिका मानते हुए खारिज कर दिया है.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस. वी. गंगापुरवाला और जस्टिस संदीप मार्ने की पीठ याचिकाकर्ता संदेश जेधे की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि किसी मुकदमे में आरोप तय करना मजिस्ट्रेट का काम है और इस जनहित याचिका में जनहित से जुड़ा कोई मुद्दा माजूद ही नहीं है.

Advertisement

प्रचार के लिए याचिका

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने जनहित याचिका पर बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यह याचिका केवल प्रचार पाने के लिए दायर की गई है. इस मामले से याचिकाकर्ता का दूर तक कोई नाता नहीं है.

Also Read

More News

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अदालत में तब किसी मुद्दे पर कोई भी याचिका दायर की जाती है, तो उस मामले से जुड़े तथ्यों को सबूतों के साथ प्रमाणित किया जाना चाहिए और खासतौर पर जब एक जनहित याचिका दायर की जाती है तो यह और भी जरूरी हो जाता है.

Advertisement

पीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा है कि याचिकाकर्ता को इस मामले में तथ्यों की कोई जानकारी नहीं है और उसका इस मामले से कुछ लेना देना भी नहीं है.

पीठ ने कहा कि वे याचिकाकर्ता संदेश जेधे पर जुर्माना लगाने जा रही है.

क्या है मामला

4 सितंबर 2022 को अहमदाबाद से मुंबई जाते समय टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार पालघर जिले में सूर्या नदी के पुल की रेलिंग से टकरा गई थी. इस हादसे में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री और जहांगीर पंडोले की मौत हो गई थी. घटना में गाड़ी चला रहीं अनहिता पंडोलो और उनके पति को भी गंभीर चोटें आईं. घायल पंडोले को 108 दिनों बाद मुंबई के अस्पताल से छुट्टी मिली थी.

पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार अनहिता पंडोलो ने कथित तौर पर ओवरस्पीडिंग के कारण कार नियंत्रण खो दिया और कार डिवाइडर में जा घुसी थी. इस मामले में पुलिस ने अनाहिता पंडोले के खिलाफ धारा 304 ए के तहत चार्जशीट दायर करते हुए लापरवाही के चलते मौत होने का कारण बताया.

क्या कहा गया याचिका में

पालघर पुलिस ने डॉक्टर अनाहिता पंडोले के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के अलावा IPC की धारा 279 (सार्वजनिक सड़क पर तेज गति से गाड़ी चलाना), 304A (उतावलेपन और लापरवाही से मौत का कारण) और IPC की धारा 337 के तहत केस दर्ज किया था.

याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका के जरिए अदालत से अनुरोध किया था कि इस मामले में IPC की धारा 304ए के बजाय, अनाहिता पंडोले पर IPC की धारा 304 के तहत आरोप लगाया जाना चाहिए, जो गैर इरादतन हत्या के बारे में बात करती है.

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि अनाहिता पंडोले नशे की हालत में थी क्योंकि उसने दुर्घटना से पहले शराब का सेवन किया था और इसलिए उस पर धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए. जिसके प्रतिक्रिया में कोर्ट ने कहा की याचिकाकर्ता ने अपने दावे को सबूतों से प्रमाणित करने में विफल रहा है.