Odisha HC ने अलारनाथ मंदिर में सुगम दर्शन के लिए जारी किए निर्देश, जानिये क्या कहा
नई दिल्ली: अलारनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो, इसके लिए उड़ीसा उच्च न्यायालय (Orissa High Court) ने जिला प्रशासन और मंदिर की कमिटी के लिए कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किये हैं। जानिए उड़ीसा उच्च न्यायालय ने क्या कहा है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ओडिशा के अलारनाथ मंदिर (Alarnath Temple) में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं. यह संख्या 'अनासरा दर्शन' (Anasara) शुरू होने के साथ तब कई गुना बढ़ जाती है, बता दें की यह मात्र दो हफ्ते का एक पीरियड है जिस दौरान यह माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ, भगवान अलारनाथ में नजर आते हैं।
हाल ही में उड़ीसा उच्च न्यायालय एक जनहित याचिका सुन रहा था जो मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को मैनेज करने के बारे में थी। इसकी सुनवाई के दौरान अदालत ने जिला प्रशासन से एक शपथ-पत्र (Affidavit) मांगा है जिसमें स्पष्ट रूप से कहना होगा कि श्रद्धालुओं की भीड़ को संभालने और सुगम दर्शन के लिए वो क्या कदम उठा रहे हैं।
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अदालत ने दिए दिशा-निर्देश
उड़ीसा उच्च न्यायालय के कहने पर ब्रह्मागिरी, पुरी के तहसीलदार ने एक शपथ-पत्र फाइल किया जिसे पढ़ने के बाद ओड़ीसा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संगम कुमार साहू (Justice Sangam Kumar Sahoo) और न्यायाधीश मुरहारी श्री रामन (Justice Murahari Sri Raman) की खंड पीठ ने कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
प्रशासन और मंदिर कमिटी को अदालत ने क्या इंतजाम करने के लिए कहा है, जानते हैं...
भीषण गर्मी से श्रद्धालुओं को बचाने के लिए अदालत ने कहा है कि छांव में लगे पंखों को समय-समय पर चेक किया जाना चाहिए कि वो ठीक तरह से चल रहे हैं या नहीं और साथ में लाइन में खड़े लोगों के लिए पेडिस्टल फैंस की भी सुविधा होनी चाहिए।
वृद्ध और विकलांग श्रद्धालुओं के लिए ओड़ीसा उच्च न्यायालय ने अलग से, थोड़ा पहले दर्शन करवाने की बात कही है। वृद्ध लोगों और शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग श्रद्धालुओं के लिए बैटरी कार का अरेंजमेंट किया जा रहा है और उनकी एंट्री और एक्जिट भी अलग बनाने की बात कही गई है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेरिकेड के पास मोबाइल टॉइलेट का इंतजाम किया जा रहा है और सभी के मूवमेंट को सीसीटीवी कैमरे में कैद किया जाएगा. इतना ही नहीं, मंदिर कितने बजे खुलेगा और रस्मों का समय क्या रहेगा, इस सबके बारे में जानकारी हर दिन प्रिन्ट और ई-मीडिया के जरिए श्रद्धालुओं तक पहुंचाने की भी बात कही गई है।
भीड़ एक जगह इकट्ठा न हो, इसके लिए अदालत ने कहा है कि प्रसाद का बंटना और खाना, इसके लिए मंदिर के पास एक अलग जगह अरेंजमेंट किया जाएगा। धक्का-मुक्की न हो, इसके लिए दर्शन के के इंतजार में लाइन में खड़े लोगों के बीच एक निर्धारित दूरी मेंटेन की जाएगी।