One Nation One Election: देश भर में एक साथ चुनाव कराना कैसे संभव है? जांच के लिए बनी कमिटी ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट
One Nation One Election: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई वाली उच्च स्तरीय समिति ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं एवं स्थानीय निकायों में एक साथ चुनाव कराने पर गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 18,626 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी.
191 दिनों के शोध के बाद तैयार की गई रिपोर्ट
देश में एक साथ चुनाव कारने को लेकर दो सितंबर 2023 को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई. जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट शेयरहोल्डर्स, विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श और 191 दिनों के शोध कार्य के बाद तैयार की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले चरण में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, जिसके बाद 100 दिन के अंदर दूसरे चरण में स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते हैं.
Also Read
- One Nation-One Election: ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के सामने आज पेश हुए लीगल एक्सपर्ट्स, विधेयक को लेकर देंगे अपनी राय
- राज्य की मंजूरी के बिना उसके क्षेत्र में कार्यरत केन्द्रीय कर्मचारियों के खिलाफ CBI केस दर्ज कर सकती है: सुप्रीम कोर्ट
- One Nation- One Election: फेडरलिज्म, संसद की शक्तियां... जानें विधेयक प्रस्ताव के दौरान केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने क्या कहा
सरकार गिरने की स्थिति में क्या कार्रवाई होगी?
कोविंद कमेटी ने अपनी सिफारिश में कहा है कि त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव या किसी ऐसी परिस्थिति में नए सदन के लिए नए सिरे से चुनाव होंगे. ऐसी स्थिति में नए लोकसभा के कार्यकाल पूर्व लोकसभा के शेष कार्यकाल के लिए ही रहेगा. वहीं, राज्य विधानसभाओं के लिए अगर चुनाव होते हैं तो लोकसभा के कार्यकाल पूरा होने तक ही उनका कार्यकाल रहेगा.
रिपोर्ट बनाने में राजनीतिक पार्टियों ने किया सहयोग
समिति ने एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर 62 पार्टियों से संपर्क किया गया था, जिसमें जवाब देने वाले 47 राजनीतिक दलों में से 32 ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का समर्थन किया, जबकि 15 दलों ने इसका विरोध किया. इस रिपोर्ट के अनुसार, कुल 15 पार्टियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.