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Nuh Violence के चलते मुसलमानों के Boycott के खिलाफ Supreme Court में दायर हुई याचिका

Nuh Violence

हरियाणा के नूंह जिले में विवाद और हिंसा के चलते उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। यह याचिका उन नारों और आवाज के खिलाफ फाइल हुई है जो हिंसा के चलते मुसलमानों के बहिष्कार यानी बॉयकॉट हेतु उठ रही हैं...

Written By Ananya Srivastava | Updated : August 8, 2023 5:25 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) में एक याचिका दायर की गई है। यह याचिका नूंह में हिंसा (Nuh Violence) के बाद मुसलमानों के बहिष्कार और अलगाव के आह्वान के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर फाइल हुई है। बता दें कि इस याचिका को आज, 8 अगस्त, 2023 को देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) के समक्ष मेंशन की गई थी।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष नूंह हिंसा के चलते मुसलमानों के बहिष्कार के खिलाफ दायर याचिका को मेंशन किया। यह तब हुआ जब संवैधानिक पीठ (Constitutional Bench) अनुच्छेद 370 (Article 370) से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान लंच के लिए उठ रही थी।

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Kapil Sibal ने कही ये बात

देश के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष इस याचिका को दायर करते हुए कपिल सिब्बल ने कुछ ऐसे उदाहरण दिए जिनमें व्यक्तियों से एक विशिष्ट समुदाय के लोगों को रोजगार देने वालों को 'गद्दार' (देशद्रोही) के रूप में लेबल करने का आग्रह किया गया है; वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा है कि वो एक अर्जेंसी पिटिशन (Urgency Petition) दायर करेंगे।

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ऐसा हो सकता है कि यहाँ कपिल सिब्बल तिघरा गांव में हुई महापंचायत के आह्वान, मुसलमानों के सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार को बढ़ावा देने, उन्हें नौकरियों के साथ-साथ किराए पर दुकानें और मकान देने से इनकार करने जैसी घटनाओं का जिक्र कर रहे थे।

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आपको बता दें कि हरियाणा के नूंह जिले में 31 जुलाई, 2023 को विश्व हिन्दू परिषद (VHP) की एक रैली पर कुछ लोगों ने हमला किया जिसके बाद दोनों के बीच काफी दंगे हुए जिसमें कुछ लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हैं। पुलिस ने इस हिंसा के चलते कई मामले दर्ज किये हैं और सांप्रदायिक हिंसा (Communal Violence) के चलते कई गिरफ्तारियाँ भी हुई हैं।