Uniform Civil Code पर अब 28 जुलाई तक दी जा सकती है अपनी राय, Law Commission ने बढ़ाई तारीख
नई दिल्ली: समान नागक संहिता (Uniform Civil Code) पर अपने विचारों और मतों को देश के विधि आयोग (Law Commission of India) के साथ सांझा करने की आखिरी तारीख 14 जुलाई, 2023 से बढ़ा दी गई है, यह डेडलाइन एक्सटेन्ड हो गई है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 14 जुलाई, 2023 को विधि आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि समान नागरिक संहिता पर अपने मतों को देने की आखिरी तारीख अब 28 जुलाई, 2023 कर दी गई है।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड, भारतीय संविधान में किस तरह हुआ है इसका उल्लेख?
Also Read
- लिव-इन के रजिस्ट्रेशन से प्राइवेसी का उल्लंघन होगा, दावा करनेवालों से उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पूछा, क्या पड़ोसी नहीं देखते होंगे
- उत्तराखंड सरकार की UCC पोर्टल Live, मैरिज, लिव-इन और तलाक के रजिस्ट्रेशन करने के लिए फॉलो करें ये सिंपल स्टेप्स
- 'समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सद्भाव और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देना है', विहिप अधिवेशन में बोले जस्टिस शेखर यादव
भारत में Uniform Civil Code को लेकर क्या हैं अलग-अलग धार्मिक समुदायों के मत? जानिए
विधि आयोग ने बढ़ाई यूसीसी पर राय देने की आखिरी तारीख
जैसा कि हमने आपको अभी बताया, विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता पर लोगों द्वारा अपने मत को उन्हें भेजने की आखिरी तारीख 14 जुलाई से एक्स्टेन्ड करके 28 जुलाई, 2023 कर दी है। न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी (Justice Ritu Raj Awasthi) की अध्यक्षता वाले विधि आयोग ने इस बारे में एक पब्लिक नोटिस जारी किया है।
इस पब्लिक नोटिस में विधि आयोग ने स्पष्ट किया है, 'समान नागरिक संहिता के विषय पर जनता की जबरदस्त प्रतिक्रिया और अपनी टिप्पणियाँ प्रस्तुत करने के लिए समय के विस्तार के संबंध में विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त कई अनुरोधों को देखते हुए, विधि आयोग ने विचार और संबंधित हितधारकों द्वारा सुझाव प्रस्तुत करने के लिए दो सप्ताह का विस्तार देने का निर्णय लिया है।'
विध आयोग को कैसे भेजें अपनी राय?
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, विधि आयोग ने कहा है कि कोई भी इच्छुक व्यक्ति, संस्था या संगठन 28 जुलाई तक आयोग की वेबसाइट पर यूसीसी (UCC) को लेकर अपनी राय दे सकता है। बता दें कि विधि आयोग को अब तक इस विषय पर ऑनलाइन 50 लाख से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं।
विधि आयोग ने 14 जून को राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों से विचार आमंत्रित करके समान नागरिक संहिता पर एक नयी परामर्श प्रक्रिया शुरू की।
इससे पहले, 21वें विधि आयोग ने इस मुद्दे की जांच की थी और दो अवसरों पर सभी हितधारकों के विचार आमंत्रित किये थे। इक्कीसवें विधि आयोग का कार्यकाल अगस्त 2018 में समाप्त हो गया था।