Advertisement

एनएचआरसी ने केंद्र और राज्यों को जारी की एड्वाइजरी, जेल में होने वाली आत्महत्याओं पर जताई चिंता

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्र, राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को एक एड्वाइजरी जारी की है जिसमें उन्होंने प्रिजन सुसाइड्स की संख्या को कम करने पर काम करने की बात कही गई है। इस मामले में आयोग ने भी कुछ सिफारिशें की हैं

Written By My Lord Team | Published : June 24, 2023 2:26 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने शुक्रवार को एक केंद्र, राज्य और सभी केंद्र शासित प्रदेशों को एक नई एड्वाइजरी जारी की है। बता दें कि आयोग ने जेल में होने वाली आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई है और अपनी एड्वाइजरी में यह स्पष्ट किया है कि इसपर तुरंत ध्यान दिया जाए।

जैसा कि हमने आपको अभी बताया, एनएचआरसी (NHRC) के अध्यक्ष, न्यायाधीश अरुण मिश्रा (Justice Arun Mishra) ने केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक एड्वाइजरी जारी की है जिसके तहत जेल में होने वाली आत्महत्याओं पर आतोंग ने चिंता जताई है। जेल में होने वाले सुसाइड अटेम्प्ट्स को कम करने हेतु यह एड्वाइजरी जारी की गई है।

Advertisement

प्रिजन सुसाइड्स पर आयोग का अवलोकन

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यह अवलोकन किया है कि जेलों में कैदियों की अप्राकृतिक मृत्यु आमतौर पर आत्महत्या से ही हो रही है और इस संख्या को कम करने के लिए जरूरी है कि सभी कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए। इसके लिए कैदी अपने परिजनों से मिले और फोन पर बात करे, इस प्रैक्टिस को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

Also Read

More News

आयोग का यह भी कहना है कि आमतौर पर कैदी अपने बैरकों और शौचालयों में ही सुसाइड करते हैं इसलिए ध्यान रखना चाहिए कि यहां से उन चीजों को हटाया जाए जिनसे आत्महत्या की जा सकती है, जैसे पंखों के हुक, लोहे की छड़ें, ग्रिल्स, आदि।

Advertisement

एड्वाइजरी में NHRC की सिफारशें

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आयोग ने केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि उनकी भेजी गई एड्वाइजरी पर वो तत्काल प्रभाव से काम करें, आयोग की सिफारिशों पर ध्यान दें और तीन महीने के अंदर एक 'एक्शन टेकन रिपोर्ट' सबमिट करें।

आयोग की सिफारिशों में कुछ और पॉइंट्स भी शामिल हैं; उनका कहना है कि बाथरूम आदि की सफाई करने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले एसिड, फेनाइल आदि को कैदियों की पहुंच से दूर रखा जाना चाहिए और यदि कन्स्ट्रक्शन हो रहा है तो रस्सी, कांच, सीढ़ी और पाइप जैसे सामानों को भी ऐसी जगाह रखना चाहिए कि उनका इस्तेमाल सुसाइड के लिए न किया जा सके।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सीसीटीवी कैमरों के इंस्टॉलेशन, मेंटल हेल्थ स्क्रीनिंग और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कैदियों में जागरूकता की भी बात की है। किसी कैदी को अगर किसी चीज की लत या नशा है, तो उसपर ध्यान दिया जाए और साथ ही योगा, ड्रामा, म्यूजिक आदि लाइफ-स्किल्स की ओर कैदियों का प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।