जम्मू-कश्मीर के भूमि धंसाव प्रभावित क्षेत्र में NGT ने निर्माण कार्यों पर दिया प्रतिबंध का सुझाव
नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Tribunal) की एक समिति ने जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में उस क्षेत्र में निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है, जहां भूमि धंस रही है। साथ ही एनजीटी (NGT) ने प्रभावित इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का भी सुझाव दिया है, न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के अनुसार।
नौ सदस्यीय समिति ने NGT को सौंपी ये रिपोर्ट
जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय समिति ने पिछले सप्ताह एनजीटी के समक्ष अपनी रिपोर्ट दाखिल की। समिति ने रिपोर्ट में सुझाव दिया कि प्रभावित क्षेत्र के बाहर के लोगों के घरों में दरारें आयें, उससे पहले ही उनको सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, “नई बस्ती के प्रभावित क्षेत्र में अब और किसी सिविल निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती। आगामी मॉनसून के मौसम को देखते हुए, प्रभावित क्षेत्र को जिला प्रशासन की निगरानी में रखने की आवश्यकता है। इतना ही नहीं, अगर ऐसा लगता है कि प्रभावित क्षेत्र के बाहर के घरों में भी दरारें पड़ सकती हैं, तो उनमें रह रहे निवासियों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर भेजा जाए।”
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस कमिटी का गठन राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने 24 मार्च, 2023 को किया था और इसकी अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव (J&K Chief Secretary) करते हैं.
डोडा जिले में भूमि धंसाव
गौरतलब हो कि फरवरी, 2023 में यह देखा गया था कि डोडा जिले की करीब 21 इमारतों में दरारें आने लगी थीं जिनमें 19 घर शामिल थे; अधिकारियों ने उनमें रह रहे परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था।
ठाठरी (Thathri) शहर के नई बस्ती (Nayi Basti) गांव में भी एक मस्जिद और लड़कियों के लिए एक धार्मिक स्कूल- मदरसे को असुरक्षित घोषित कर दिया था।
ऐसी ही स्थिति कुछ समय पहले उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath, Uttarakhand) में भी देखी गई थी, जहां भूमि धंसाव के कारण लोगों को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा था। बता दें कि दोनों ही जगह मामला भूमि धंसाव का है लेकिन इसके बावजूद अधिकारियों ने दोनों मामलों की तुलना करने से इनकार कर दिया है।