Navneet Rana Caste Certificate: क्या ‘रविदासिया मोची’ होने के अपने दावे में सफल होंगी सांसद? Supreme Court ने रिजर्व रखा फैसला
लोकसभा सांसद नवनीत राणा (Lok Sabha MP) की मुश्किलें बढ़ती दिखाई पड़ रही है. बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने पहले ही उनकी जाति सर्टिफिकेट (Caste Certificate) रद्द कर दिया था. अब, सुनवाई पूरी होने पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है. सर्वोच्च न्यायालय सिख-चमार और रविदासिया मोची एक समान (Synonymous) होने के मुद्दे पर चर्चा कर रहा था. बता दें कि, सांसद ने खुद मोची’ साबित कर अमरावती की रिजर्व सीट से चुनाव लड़ा था. आइये विस्तार से जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ….
क्या सिख-चमार और मोची एक समान है: SC
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जेके महेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की बेंच ने नवनीत राणा की याचिका पर सुनवाई की. याचिका में नवनीत राणा ने 2021 में दिए हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है जिसमें उच्च न्यायालय ने उसकी जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया था. नवनीत ने चुनाव लड़ने के लिए खुद के रविदासिया मोची’ होने का कास्ट सर्टिफिकेट दिखाया. वहीं, रिकार्ड के आधार पर उनके सिख-चमार जाति से होने के साक्ष्य पाए गए.
SC के सामने रखी MP ने यें दलीलें
सुप्रीम कोर्ट के सामने राणा ने अपना तर्क रखा. राणा ने कहा कि उसके पूर्वज सिख-चमार जाति से आते थे. इसमें सिख धार्मिक उपसर्ग है. अपने लिए सांसद ने मोची जाति से होने का दावा किया.
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एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (Advocate On Record) शादान फरासत ने राज्य का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि नवनीत राणा ने मोची कास्ट से होने को साबित करने के लिए अपना स्कूल लिंविंग सर्टिफिकेट (School Leaving Certificate), अपने पिता का स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट और पिता का जाति प्रमाण (Caste Certificate) पत्र दिया था.
प्रमाण-पत्रो की सिद्धि में असफल रहे: AOR
AOR ने बताया कि जब वे इन तीनों सर्टिफिकेट में पता लगाया है. राणा ने स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट की दूसरी कॉपी निकलवाई है. वहीं, इसमें मोची शब्द जोड़ने को कहा था. उनके पिता के स्कूल में पता लगाया गया, तो वहां उस नाम का कोई व्यक्ति नहीं था. स्कूल ने ये सर्टिफिकेट जारी नहीं किया है. वहीं पिता का जाति प्रमाण-पत्र भी 2013 में बना था जिसे उस सर्टिफिकेट को बनाने वाली समिति ने 2017 में खारिज कर दिया था.
जांच समिति ने दी सही सर्टिफिकेट?
राणा का पक्ष सीनियर एडवोकेट ध्रुव मेहता ने रखा. उन्होंने कहा कि सिख-मोची होने के लिए जो डाक्यूमेंट की मांग की थी. वे हमने आपको दे दी है. कास्ट सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए जांच सिमिति ने जो फैसला दिया है, वह सही है.
वहीं, कोर्ट ने मामले में अपना फैसला अभी रिजर्व रखा है.