सानिया मिर्जा ने 'खुला के तहत ही दिया था तलाक', अब सुप्रीम कोर्ट उसकी वैधता पर करेगी सुनवाई
हाल ही में सानिया मिर्जा चर्चा में रही. सानिया ने शोएब मलिक को तलाक दिया था. सानिया ने तलाक 'खुला' के तहत मुस्लिम महिलाओं को मिले अधिकारों के अनुरूप दिया था. इस्लाम में पति तलाक देता है. वहीं, महिला अपने पति से 'खुला' के तहत तलाक लेकर अलग हो सकती है. अब सुप्रीम कोर्ट यह विचार करेगी कि पति की सहमति के बिना क्या पत्नी 'खुला' के तहत तलाक ले सकती है या नहीं? सर्वोच्च न्यायालय से पहले केरल हाईकोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाया था कि मुस्लिम महिला को अपने पति से 'खुला' के तहत तलाक लेने का पूर्ण अधिकार है. इसके लिए पति की स्वीकृति की जरूरत नहीं हैं.
व्यक्ति ने केरल हाईकोर्ट के इसी फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच इस मामले की सुनवाई की. बेंच ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ नोटिस जारी किया है.
केरल हाईकोर्ट ने मुस्लिम महिला के पक्ष में दिया फैसला
केरल हाईकोर्ट के सामने जब यह मामला आया. उच्च न्यायालय में मुस्लिम विवाह विच्छेद अधिनियम (Dissolution of Muslim Marriages Act) को चुनौती दी गई थी जिसमें मुस्लिम महिला को अपने पति से 'खुला' के तहत अलग होने का जिक्र किया. केरल हाईकोर्ट ने पाया कि महिला को अपने पति से अलग होने का पूर्ण अधिकार है. यह अधिकार उसे कुरान से मिला है. यह पति की स्वीकृति के अधीन नहीं है. उच्च न्यायालय ने आगे कहा,'फस्ख' को छोड़कर शरीयत एक्ट की धारा 2 में उल्लेखित सभी प्रकार के तलाक मुस्लिम महिलाओं के लिए भी उपलब्ध है.
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पति ने इस फैसले की समीक्षा के लिए केरल हाईकोर्ट में ही याचिका दायर की. समीक्षा याचिका में भी केरल हाईकोर्ट ने कहा, महिला को 'खुला' के तहत यह अधिकार मिला है. अगर इसमें पति की स्वीकृति की बात होगी, तो यह कानून अप्रभावी हो जाएगा. अब पति ने समीक्षा याचिका के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें अब सर्वोच्च न्यायालय सुनवाई करेगी.