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हत्या के आरोपी को प्रेमिका से शादी के लिए मिली 15 दिन की Parole

Karnataka High Court के Justice M Nagaprasanna ने मामले को विशेष परिस्थितियों का बताते हुए जेल अधिकारियों को दोषी आनंद को विवाह के लिए 5 अप्रैल से 20 अप्रैल की अवधि के लिए रिहा करने का आदेश ​दिया.

Written By Nizam Kantaliya | Updated : April 4, 2023 4:53 AM IST

नई दिल्ली: Karnataka High Court ने हत्या के मामले में दोषी एक कैदी को जेल से बाहर आकर शादी करने के लिए 15 दिन की पैरोल की अनुमति दी है.

बेंगलुरु सेंट्रल जेल में सजा काट रहे आनंद की मां 63 वर्षीय रत्नम्मा और दोषी की मंगेतर कोलार जिले की 30 वर्षीय नीता की ओर से दायर संयुक्त याचिका पर सुनवाई के बाद ये आदेश दिया है.

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मॉं की ओर से दायर आवेदन में कहा गया है कि उसके दोनों बेटे जेल में हैं और कई बीमारियों से पीड़ित वृद्ध होने के नाते, यह उनकी इच्छा है कि उसके बेटे और मंगेतर नीता की शादी हो जाए.

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याचिका में कहा गया कि अगर उसके बेटे आनंद को रिहा नहीं किया जाता है और जल्दी शादी नहीं की तो उसकी मंगेतर की शादी किसी और से कर दी जाएगी.

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प्रेमिका का अनुरोध

हत्या के मामले में जेल में कैद आनंद से 9 साल से प्रेम का दावा करने वाली याचिकाकर्ता नीता ने अपने आवेदन में कह है कि वह पिछले नौ साल से आनंद से प्यार करती है, लेकिन अब उसे डर है कि उसका परिवार उसकी शादी किसी और से करवा देगा. इसलिए उसने अदालत से अनुरोध किया कि उसे आनंद के साथ विवाह करने के लिए पैरोल की अनुमति दी जाए.

सरकार ने किया विरोध

हत्यारे को विवाह के लिए पैरोल पर रिहा करने के आवेदन का सरकार ने विरोध करते हुए कहा कि राज्य जेल मैन्यूअल और पैरोल नीति के अनुसार इस तरह शादी करने के लिए पैरोल का कोई प्रावधान नहीं है.

सरकारी अधिवक्ता ने अदालत से कहा कि केवल अगर किसी और की शादी में शामिल होने के लिए पैरोल मांगी जाती है तो यह "अलग" मामला होता.

विवाह की असाधारण स्थिति

दोनो पक्षो की बहस सुनने के बाद Justice M Nagaprasanna ने मामले को विशेष परिस्थितियों का बताते हुए जेल अधिकारियों को दोषी आनंद को विवाह के लिए 5 अप्रैल से 20 अप्रैल की अवधि के लिए रिहा करने का आदेश ​दिया.

अदालत ने सरकार की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में विवाह के लिए "यह पैरोल देने के लिए एक असाधारण स्थिति है.

अदालत ने दोषी आनंद को पैरोल पर रिहा करते समय कड़ी शर्ते निर्धारित करने के लिए जेल अधिकारियों को भी आदेश दिया है.ताकि दोषी की जेल में वापसी सुनिश्चित की जा सके और पैरोल की अवधि के दौरान वह कोई अन्य अपराध नहीं करेगा।

क्या है मामला

एक हत्या के मामले में आनंद को दोषी ठहराते हुए बेंगुलुरू की अदालत ने वर्ष 2017 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

मामले में सजा के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में फैसले को चुनौती देने पर हाईकोर्ट ने सजा को कम करते हुए 10 वर्ष कर दी थी.

दोषी आनंद ने अब तक इस मामले में 6 साल जेल में बिता चुका था. जेल जाने के बाद प्रेमिका नीता के घर वाले उससे विवाह के लिए दबाव बनाने लगे.

जिसके बाद नीता ने आनंद की मां के साथ संयुक्त रूप से याचिका दायर कर पैरोल की मांग की.