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बंगाल नगरपालिका भर्ती घोटाला: सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली दूसरी एसएलपी ली वापस

Bengal municipality recruitment scam

15 जून को, कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति चटर्जी की खंडपीठ ने नगर पालिकाओं की भर्ती मामले में केंद्रीय एजेंसी से जांच के पहले एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश को बरकरार रखा था

Written By My Lord Team | Published : July 4, 2023 10:37 AM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर कर नगर निगम भर्ती मामले में अपनी दूसरी विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को वापस लेने की मांग की, इसमें कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ के पहले के आदेश को चुनौती दी गई थी, और केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने का निर्देश दिया गया था.

समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, यह दूसरी बार है जब राज्य सरकार ने मामले में शीर्ष अदालत में अपनी एसएलपी वापस ले ली है. मामले में केंद्रीय जांच का आदेश मूल रूप से कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने दिया था. राज्य सरकार ने फैसले को चुनौती देते हुए सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

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हालांकि, शीर्ष अदालत ने मामले को वापस कलकत्ता उच्च न्यायालय में भेज दिया. इसके बाद, राज्य सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल-न्यायाधीश पीठ से संपर्क किया, जिन्होंने न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के आदेश को बरकरार रखा और केंद्रीय एजेंसियों को मामले में अपनी जांच जारी रखने का निर्देश दिया.

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हाई कोर्ट ने लगाई फटकार

इसके बाद, राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति सिन्हा के आदेश को कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ में चुनौती दी और मामले में सर्वोच्च न्यायालय में एक समानांतर एसएलपी भी दायर की. हालांकि, न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति पार्थ सताथी चटर्जी की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा इस मामले में बहु-अदालत विकल्प खुले रखने पर नाराजगी व्यक्त की. कलकत्ता हाई कोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार ने इस मामले में पहली एसएलपी वापस ले ली.

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15 जून को, कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति चटर्जी की खंडपीठ ने नगर पालिकाओं की भर्ती मामले में केंद्रीय एजेंसी से जांच के पहले एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश को बरकरार रखा था.

इसके बाद राज्य सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में दूसरी एसएलपी दायर की थी. राज्य सरकार ने सोमवार को शीर्ष अदालत में इस मामले में दूसरी एसएलपी वापस लेने की अर्जी दी.