Mukhtar Ansari के बेटे Umar Ansari को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, जानें क्या था मामला
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को गिरफ्तारी से राहत दी है. उमर अंसारी के खिलाफ 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान आचार-संहिता के उल्लंघन का आरोप है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अब फैसला सुनाया है. उमर अंसारी की जमानत याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले खारिज कर दिया था. जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस पीके मिश्रा की बेंच ने उमर अंसारी की याचिका की सुनवाई की जिसमें उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उमर को राहत देने के साथ उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. उमर अंसारी की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले में मुख्य आरोपी को पहले ही नियमित जमानत मिल चुकी है.
Umar Ansari को पहले नहीं मिली थी जमानत
मामले के सुप्रीम कोर्ट में आने से पहले, 19 दिसंबर, 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने उमर अंसारी की जमानत याचिका को खारिज किया. अदालत ने कहा कि वादी के खिलाफ यूपी विधानसभा चुनाव, 2022 के दौरान आचार संहिता उल्लंघन केस में तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अपराध का मामला स्पष्ट नजर आता है. कोर्ट ने ऐसा कहकर उमर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
जानें क्या था पूरा मामला
बता दें, कि 4 मार्च, 2022 के दिन मऊ जिले के कोतवाली पुलिस स्टेशन में अब्बास अंसारी, उमर अंसारी सहित अन्य 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर ( FIR) दर्ज हुई थी. एफआईआर में कहा गया था कि 3 मार्च, 2022 को पहाड़पुरा मैदान में आयोजित सार्वजनिक बैठक में आरोपी ने प्रशासन के साथ हिसाब-किताब करने की बात कही थी जिसके चलते उमर अंसारी पर आचार-संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया.
Also Read
- शिक्षकों को सम्मानजनक वेतन नहीं देना ज्ञान का अपमान... सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के संविदा प्राध्यापकों के हक में सुनाया ये फैसला
- आवारा कुत्तों को खाना देने पर SC का नया आदेश, नियम तोड़ने पर लगेगा भारी जुर्माना, जान लें पूरा फैसला
- 'वोटर लिस्ट से बाहर हुए नामों को सार्वजनिक करें', सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिया अहम आदेश
उमर अंसारी के भाई अब्बास अंसारी ने, जो खुद भी इस मामले में आरोपी हैं, यूपी विधानसभा चुनाव, 2022 में मऊ सदर से सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी. अब्बास अंसारी चुनाव जीतकर विधायक तो बन गए लेकिन उनकी मुश्किलें कम नहीं हुईं.