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'Modi Surname' Defamation Case: सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को नहीं मिली राहत! 4 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

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'मोदी सरनेम' को लेकर अपनी टिप्पणी के चलते परेशानी में आए राहुल गांधी की याचिका पर आज उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई जिसमें अदालत ने शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी किया है और सुनवाई की अगली तारीख भी तय कर दी है। यह याचिका राहुल गांधी ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने हेतु दायर की है.

Written By Ananya Srivastava | Updated : July 21, 2023 11:35 AM IST

दिल्ली: मोदी उपनाम’ मानहानि मामले (Modi Surname Defamation Case) में दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार संबंधी गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) के फैसले के खिलाफ कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की याचिका पर उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) ने आज सुनवाई की।

न्यायमूर्ति बी आर गवई (Justice BR Gavai) एवं न्यायमूर्ति पी के मिश्रा (Justice PK Mishra) की पीठ ने आज मामले पर सुनवाई की है और राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है! बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी किया है और सुनवाई की अगली तारीख 4 अगस्त तय की है।

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तत्काल सुनवाई हेतु अनुरोध

समाचार एजेंसी भाषा के हिसाब से गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने 18 जुलाई को मामले का उल्लेख किया था और याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था, जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अगुवाई वाली पीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी।

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गांधी ने अपनी याचिका में कहा है कि यदि सात जुलाई के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र वक्तव्य’’ का दम घुट जाएगा।

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कांग्रेस नेता ने कही ये बात

गांधी ने अपनी याचिका में कहा कि यदि उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोकतांत्रिक संस्थानों को व्यवस्थित तरीके से, बार-बार कमजोर करेगा और इसके परिणामस्वरूप लोकतंत्र का दम घुट जाएगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा। गांधी ने कहा कि आपराधिक मानहानि के इस मामले में अप्रत्याशित रूप से अधिकतम दो साल की सजा दी गई, जो अपने आप में दुर्लभतम है।

इस मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। मामले में फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।

जानें क्या था मामला

राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है?’’ इस टिप्पणी को लेकर गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने गांधी के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था।