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नौ साल के बच्चे से कुकर्म के बाद हत्या के दोषी को मथुरा की विशेष पॉक्‍सो अदालत ने सुनाई मौत की सजा

पुलिस ने सैफ को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल कर लिया और उसकी निशानदेही पर बच्चे का शव घर से करीब पांच सौ मीटर दूर एक नाले से बरामद किया गया.

Written By My Lord Team | Published : May 30, 2023 10:46 AM IST

मथुरा (उप्र): मथुरा जिले की पॉक्‍सो अदालत ने एक नौ साल के बच्चे का यौन उत्पीड़न करने और उसकी बेरहमी से उसकी हत्या करने के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई और साथ ही एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया.

न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, पॉक्‍सो अदालत के विशेष न्‍यायाधीश राम किशोर यादव ने सोमवार को दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपी मोहम्मद सैफ को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाने के साथ ही एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया.

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विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता (पॉक्सो) अलका उपमन्‍यु ने भाषा को बताया कि इस मामले में पुलिस द्वारा आरोप पत्र दाखिल किए जाने के एक माह के भीतर अदालत ने फैसला सुना दिया. यह घटना इसी वर्ष आठ अप्रैल को घटित हुई थी.

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रिपोर्ट के मुताबिक, सदर थाना क्षेत्र के एक गांव से नौ साल का एक बच्चा शाम के समय अचानक घर से गायब हो गया, और बच्चे के पिता ने उसके देर शाम तक न मिलने पर थाने में गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज कराई. पुलिस ने जांच के दौरान आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो पाया कि बच्चे के ताऊ की दुकान पर काम करने वाले सैफ के साथ वह जाता हुआ दिखा.

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अलका उपमन्‍यु ने भाषा को बताया कि पुलिस ने सैफ को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल कर लिया और उसकी निशानदेही पर बच्चे का शव घर से करीब पांच सौ मीटर दूर एक नाले से बरामद किया गया.

अभियोजन पक्ष की वकील उपमन्यु के अनुसार, आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने बच्चे के साथ कुकर्म किया और भेद खुलने के डर से उसकी हत्या कर दी. यहां बता दे की दोषी सैफ मूल रूप से कानपुर का निवासी है और मथुरा के औरंगाबाद गांव में रहता था.

गौरतलब हो कि पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की अपहरण, हत्या, अप्राकृतिक दुष्कर्म की धाराओं और पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया, और शुरुआती 20 दिनों में ही जांच पूरी कर आरोप पत्र दाखिल कर दिया.

वकील उपमन्यु ने भाषा को बताया कि दो मई को अदालत ने अभियुक्त के खिलाफ आरोप तय किए और 18 मई तक 14 गवाह प्रस्तुत कर दिए गए. 22 मई को दोनों पक्षों में अंतिम बहस हुई और चार दिन बाद 26 मई को सैफ मोहम्मद को दोषी करार दिया गया.

न्यायाधीश राम किशोर यादव ने सोमवार (मई २९) को दोषी को फांसी की सजा एवं एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई.