Manipur Violence: CJI की पीठ ने महिला वकील को दी गई गिरफ्तारी से छूट की अवधि बढ़ाई, दिया ये निर्देश
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) ने एक तथ्यान्वेषी टीम के सदस्यों के कथित बयान को लेकर मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के संबंध में एक महिला वकील को गिरफ्तारी से दी गई छूट की अवधि सोमवार को चार सप्ताह के लिए बढ़ा दी।
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, संबंधित वकील हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा करने वाली तथ्यान्वेषी टीम का हिस्सा थीं। यहां महिला वकील दीक्षा द्विवेदी (Deeksha Dwivedi) की बात हो रही है।
उच्चतम न्यायालय ने दिया ये निर्देश
इस बीच, मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India DY Chandrachud), न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा (Justice PS Narasimha) और न्यायमूर्ति मनोज मिश्र (Justice Manoj Mishra) की पीठ ने महिला वकील दीक्षा द्विवेदी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे से आगे की राहत के लिए सक्षम क्षेत्राधिकार वाली अदालत से संपर्क करने को कहा।
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मामले का निपटारा करते हुए पीठ ने कहा कि द्विवेदी मणिपुर की अदालत के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश हो सकती हैं और शिकायत की स्थिति में वह फिर से शीर्ष अदालत का रुख कर सकती हैं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने किया विरोध
मणिपुर सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General of India Tushar Mehta) ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अगर इलाहाबाद की एक वकील "हिंसा भड़काने" के लिए राज्य का दौरा कर सकती हैं, तो वह प्रत्यक्ष रूप से भी वहां की अदालत में पेश हो सकती हैं।
विधि अधिकारी ने कहा कि यहां एक वकील हैं, जो यहां भाषण देने के बाद मणिपुर चली गईं और अब वह अदालत के समक्ष पेश होने के लिए वहां नहीं जाना चाहतीं। सुनवाई के दौरान तब तीखी बहस हुई जब दवे ने कुछ ऐसा कहा जिस पर सॉलिसिटर जनरल ने आपत्ति जताई।
शीर्ष अदालत ने पूर्व में 11 जुलाई को वकील को दंडात्मक कार्रवाई से राहत दी थी और बाद में टीम के सदस्यों की इन कथित टिप्पणियों पर मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के संबंध में इस राहत को 17 जुलाई तक बढ़ा दिया था कि राज्य में जातीय हिंसा "राज्य प्रायोजित" थी।
आखिर क्यों दर्ज हुई थी शिकायत?
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की नेता और नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन (एनएफआईडब्ल्यू) की महासचिव एनी राजा सहित तथ्यान्वेषी टीम के सदस्यों के खिलाफ आठ जुलाई को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिन दंडात्मक धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी उनमें देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने से संबंधित धारा भी शामिल थी।
पीठ ने कहा था, ''14 जुलाई, 2023 की शाम पांच बजे तक, इंफाल पुलिस थाने में दर्ज 8 जुलाई, 2023 की प्राथमिकी के अनुसरण में याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा।'' द्विवेदी महिला वकील संघ, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमेन (एनएफआईडब्ल्यू) की तीन सदस्यीय तथ्यान्वेषी टीम का हिस्सा थीं।