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किशोरी से दुष्कर्म, हत्या की SIT जांच के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को बंगाल सरकार ने चुनौती दी

Bengal Teen Girl Death Case

तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने एसआईटी के गठन पर आपत्ति जताई, और विशेष रूप से दत्ता को सदस्य के रूप में शामिल करने पर क्योंकि वह हाल के दिनों में राज्य सरकार के खिलाफ कई मुद्दों पर काफी मुखर रहे हैं .

Written By My Lord Team | Published : May 18, 2023 1:46 PM IST

कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ द्वारा दिए गए फैसले को पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार को चुनौती दी, जिसमें उत्तर दिनाजपुर जिले के कालीगंज में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और हत्या की जांच के लिए एकल-न्यायाधीश की पीठ ने तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया.

न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार ने एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी है कि दो सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों को तीन सदस्यीय एसआईटी में सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.

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11 मई को इस मामले में राज्य पुलिस द्वारा जांच की धीमी प्रगति पर निराशा व्यक्त करते हुए न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की खंडपीठ ने कोलकाता पुलिस की विशेष आयुक्त दमयंती सेन, सेवानिवृत्त आईजी पंकज दत्ता और सीबीआई के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक उपेन बिस्वास को शामिल करते हुए एसआईटी के गठन का आदेश दिया.

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SIT  गठन पर आपत्ति

तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने एसआईटी के गठन पर आपत्ति जताई, और विशेष रूप से दत्ता को सदस्य के रूप में शामिल करने पर क्योंकि वह हाल के दिनों में राज्य सरकार के खिलाफ कई मुद्दों पर काफी मुखर रहे हैं.

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न्यायमूर्ति मंथा के आदेश को चुनौती देने के लिए राज्य सरकार ने एक खंडपीठ में जाने का फैसला किया. न्यायमूर्ति मंथा ने एसआईटी को यह भी अधिकार भी दिया कि यदि टीम के सदस्य जरूरी समझें तो पीड़िता के शव का दूसरा पोस्टमार्टम करा सकते हैं. साथ ही न्यायमूर्ति मंथा ने राज्य पुलिस को केस डायरी सहित मामले से जुड़े सभी दस्तावेज जल्द से जल्द एसआईटी को सौंपने का भी निर्देश दिया.

पुलिस को अगली सुनवाई से पहले इस मामले में शुरुआती जांच रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया गया है.

मामला क्या है

आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, 25 अप्रैल को नाबालिग लड़की के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ स्थानीय लोगों के हिंसक विरोध के बाद दिनाजपुर जिले के कालीगंज के कुछ हिस्से युद्ध के मैदान में बदल गए थे.

पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने सबूत मिटाने की नीयत से नाबालिग लड़की, जिसकी दुष्कर्म के बाद हत्या हुई थी, के शव को वहां से फौरन हटा दिया. किशोरी के शव को पुलिस द्वारा घसीटते हुए देखे जाने के बाद चार एएसआई को निलंबित कर दिया गया था.