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Adipurush के निर्माताओं ने A'bad HC के इस फैसले को SC में दी चुनौती, अदालत का तत्काल सुनवाई से इनकार

Adipurush Makers Move SC Against Allahabad HC Order for Personal Presence

प्रभास और कृति सैनन की 'आदिपुरुष' को रिलीज हुए काफी समय हो चुका है लेकिन विवादों का सिलसिला जारी है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फिल्म निर्माताओं को उनके समक्ष पेशी का आदेश दिया था जिसको मेकर्स ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी; सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है...

Written By Ananya Srivastava | Published : July 12, 2023 1:20 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) ने विवादों में घिरी फिल्म आदिपुरुष’ (Adipurush) के निर्माताओं को इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) द्वारा 27 जुलाई को उसके समक्ष पेश होने के आदेश दिए जाने के खिलाफ दाखिल एक याचिका पर तत्काल सुनवाई से बुधवार को इनकार कर दिया।

बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ (Lucknow Bench, Allahabad High Court) के समक्ष पेशी के आदेश के खिलाफ आदिपुरुष के निर्माताओं ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई अब 13 जुलाई, 2023 को होगी।

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सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई हेतु दी तारीख

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार,  फिल्म आदिपुरुष’ रिलीज के बाद से ही विवादों में घिर गई है और लोगों ने इसके संवाद तथा किरदारों आदि पर आपत्ति जताई है। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड (Chief Justice of India DY Chandrachud) की अगुवाई वाली पीठ ने फिल्म के निर्माताओं की ओर से पेश वकील को मामले का उल्लेख बृहस्पतिवार को करने को कहा।

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दिए थे ये निर्देश

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 30 जून को फिल्म के निर्माताओं को 27 जुलाई को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था और केंद्र सरकार से एक समिति गठित करने के लिए कहा था, जो फिल्म पर अपनी राय देगी।

उच्च न्यायालय कुलदीप तिवारी तथा नवीन धवन की ओर से फिल्म को प्रतिबंधित करने का अनुरोध करने वाली दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने विवादित फिल्म आदिपुरुष’ के निर्देशक ओम राउत (Om Raut), निर्माता भूषण कुमार (Bhushan Kumar), संवाद लेखक मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) उर्फ मनोज शुक्ला को 27 जुलाई को अदालत के समक्ष पेश होने और केंद्र सरकार को फिल्म पर अपने विचार पेश करने के लिए एक समिति के गठन का निर्देश दिया था।

यह निर्देश न्यायाधीश राजेश सिंह चौहान (Justice Rajesh Singh Chauhan) और न्यायाधीश श्री प्रकाश सिंह (Justice Shree Prakash Singh) की पीठ की तरफ से जारी किया गया था।