Gokulraj Murder Case में मद्रास हाईकोर्ट ने आठ आरोपियों को सुनाई उम्रकैद की सजा, 'जाति' पर की गंभीर टिप्पणी!
नई दिल्ली: गोकुलराज हत्याकांड (Gokulraj Murder Case) में मद्रास उच्च न्यायालय (Madrsa High Court) ने आठ आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बता दें कि इस फैसले को सुनाते समय न्यायाधीशों ने 'जाति' पर गंभीर टिप्पणी की है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश एमएस रमेश (Justice MS Ramesh) और न्यायाधीश आनंद वेंकटेश (Justice Anand Venkatesh) की खंडपीठ ने गोकुलराज हत्याकांड में आठ आरोपियों की आजीवन कारावास की सजा को कायम रखा है और दो आरोपियों की सजा को कम करके पांच साल कर दिया है।
HC ने 'जाति' पर की गंभीर टिप्पणी
Also Read
- केवल SC- ST मामले में जाति मेंशन करें.... इलाहाबाद HC के इस बड़े फैसले के UP सरकार का बड़ा एक्शन, नियमों में किए ये बदलाव
- TASMAC Corruption Case: फिल्म निर्माता आकाश भास्करन को मद्रास हाई कोर्ट से राहत, ईडी ने वापस लिया नोटिस, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स लौटाने पर जताई सहमति
- तमिलनाडु सरकार ने केंद्रीय शिक्षा निधि पर सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, किया ये दावा
मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस रमेश और जस्टिस वेंकटेश की पीठ ने कहा है कि ये मामला ऑनर किलिंग (Honour Killing) का है। इतना ही नहीं, अपना फैसला सुनाते समय अदालत ने कहा- यह कहा जा सकता है कि इस मामले के आरोपी 'जाति' नाम के राक्षस के प्रभाव में थे।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस मामले के मुख्य आरोपी युवराज ने मीडिया को प्रभावित करने की कोशिश की थी और एक ऐसी छवि बनाने का प्रयास किया जिसमें ऐसा लगे कि उनके खिलाफ एक गलत केस तैयार किया गया है और वो बेकसूर हैं।
गोकुलराज हत्याकांड
आपको बता दें कि गोकुलराज हत्याकांड 2015 का एक मामला है। दरअसल 23 जून, 2015 के दिन 21 वर्षीय दलित युवक गोकुलराज का तिरुचेंगोडे अर्थानारीस्वरार मंदिर (Tiruchengode Arthanareeswarar Temple), तमिल नाडु से अपहरण हो गया था और अगले दिन, उसका शव मिला था; सिर पर गहरी चोटें लगी थीं।
बाद में यह पता चला था कि गोकुलराज एक ऊंची जाति की लड़की से प्यार करता था, उसके साथ रिलेशनशिप में था और इसलिए उसकी हत्या कर दी गई थी।
मार्च, 2022 में मदुरई के एक स्पेशल कोर्ट ने युवराज सहित नौ अन्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इन दस आरोपियों में से आठ की आजीवन कारावास की सजा बरकरार है और दो की सजा कम करके पांच साल कर दी गई है।