महिलाओं के अधिकार से जुड़े मामले की सुनवाई में महाधिवक्ता के पेश नहीं होने पर अदालत ने जतायी चिंता
लखनऊ (उप्र): इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कृषि भूमि पर महिलाओं के अधिकार से जुड़े एक मामले में उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता (एजी) अजय कुमार मिश्रा के पेश नहीं होने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, न्यायमूर्ति डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति ओ पी शुक्ला की पीठ ने सिद्धार्थ शुक्ला द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की.
इस जनहित याचिका में उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 की धारा 108, 109 और 110 को असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया गया है. पीठ ने मामले की सुनवाई 7 जुलाई को करना तय किया. जब महाधिवक्ता के साथ ही बार के अन्य सदस्यों द्वारा मामले में जिरह आगे बढ़ायी जाएगाी.
आदेश पारित करते हुए पीठ ने कहा, 23 मार्च, 2023 के बाद, मामले को कई मौकों पर सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन महाधिवक्ता की अनुपस्थिति के कारण राज्य की ओर से इस पर बहस नहीं की जा सकी.’’
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भाषा के मुताबिक याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 की धारा 108, 109 और 110 महिलाओं को कृषि भूमि में उत्तराधिकार से वंचित करती हैं, लिहाजा उन्हें असंवैधानिक घोषित करके खारिज किया जाये.
सुनवाई के बाद पीठ ने याचिकाकर्ता के मामले में इन प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाने के अनुरोध को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले की अंतिम सुनवाई होगी तभी कोई आदेश जारी किया जायेगा.