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पुलिस की हठधर्मिता के विरुद्ध, गाजियाबाद में वकीलों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी

Lawyers Protest- ANI

पुलिस की हठधर्मिता और तानाशाही के विरोध में, वकीलों ने मंगलवार को दिनभर प्रोटेस्ट किया. आखिरकार पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा.

Written By My Lord Team | Published : May 17, 2023 12:36 PM IST

गाजियाबाद: गाजियाबाद में बार एसोसिएशन के बैनर तले वकील तीसरे दिन यानी बुधवार को भी हड़ताल पर हैं, जबकि उनके साथी वकील पवन त्यागी की मंगलवार की रात ही रिहाई हो गई है.

बुधवार सुबह, बार एसोसिएशन की आपात बैठक अध्यक्ष योगेंद्र कौशिक राजू की अध्यक्षता में हुई जिसमें चर्चा हुई कि निवाड़ी थाना पुलिस ने उनके साथी अधिवक्ता पवन त्यागी को शुरुआत में दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure- CrPC), 1973 की धारा 151 के तहत जेल भेजा गया. बाद में पवन और कुछ लोगों पर भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code- IPC) 1860 की गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया.

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न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस की हठधर्मिता और तानाशाही के विरोध में, वकीलों ने मंगलवार को दिनभर प्रोटेस्ट किया. आखिरकार पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा.

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पुलिस कोर्ट द्वारा पावर का दुरुपयोग

एसीपी कोर्ट ने पवन त्यागी का रिलीज ऑर्डर जारी किया और उसे हाथों हाथ जेल पहुंचाकर पवन त्यागी की रिहाई कराई गई.

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बार एसोसिएशन सचिव नितिन यादव ने कहा, जब से गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू हुआ है, तब से वकीलों पर ज्यादती बढ़ गई है. पुलिस अधिकारियों की कोर्ट अब शांतिभंग में गिरफ्तार होने वाले ज्यादातर लोगों को सीधे जेल भेज रही.

इससे पहले इन लोगों को कोर्ट में पेश होते ही जमानत मिल जाती थी. सचिव ने आईएएनएस को कहा कि सीआरपीसी 151 में पकड़े जाने का मतलब ही ये होता है कि मामला बहुत गंभीर नहीं है. ऐसे में पुलिस कोर्ट को अपनी पावर का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए.

बार एसोसिएशन सचिव नितिन यादव ने जानकारी देते हुए कहा कि आज कि बात को लेकर करीब चार हजार से ज्यादा वकील हड़ताल पर रहेंगे.

CrPC की धारा 151

इसके अनुसार, एक पुलिस अधिकारी किसी भी व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के अधिकार के बिना या बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है यदि उसे ऐसी कोई सूचना मिलती है कि व्यक्ति संज्ञेय प्रकृति का कोई अपराध करने की संभावना रखता है और जो नहीं किया जा सकता है.