UCC पर Law Commission नहीं भेज रहा जानकारी, फ्रॉड मैसेज को लेकर आयोग ने जनता को किया सतर्क
नई दिल्ली: यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) पर पिछले कुछ समय से बहुत चर्चा हो रही है। देश के विधि आयोग (Law Commission of India) ने भी सभी से इस विषय पर उनके मत मांगे हैं जिन्हें वो कम्पाइल करके एक रिपोर्ट के रूप में तैयार करने वाले हैं। इस बीच विधि आयोग ने कुछ फ्रॉड वॉट्सएप मैसेज को लेकर जनता को सतर्क किया है, उन्हें सावधान रहने को कहा है...
बता दें कि कई लोगों को चैटिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सएप (WhatsApp) पर कुछ मैसेज आ रहे हैं जो समान नागरिक संहिता से जुड़े हैं। इन मैसेज में ऐसा लिखा है कि ये विधि आयोग की तरफ से आए हैं लेकिन असल में ऐसा है नहीं, ये मैसेज फ्रॉड हैं।
विधि आयोग ने जनता को किया सतर्क
जैसा कि हमने आपको अभी बताया, देश में जब से यूसीसी (UCC) पर बातचीत बढ़ी है, कई लोगों के बास वॉट्सएप पर 'विधि आयोग की तरफ से' मैसेज आए हैं जो उन्हें इस विषय पर जानकारी दे रहे हैं। अब विधि आयोग ने स्पष्ट किया है कि वो किसी भी प्रकार के मैसेज सर्क्युलेट नहीं करवा रहे हैं, यह मैसेज फ्रॉड हैं।
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अपने डिस्क्लेमर में उन्होंने कहा है कि कुछ फोन नंबर्स हैं जिनसे लोगों को वॉट्सएप पर मैसेज आ रहे हैं और यह कहा जा रहा है कि वो मैसेज विधि आयोग की तरफ से हैं; लेकिन इस तरह के मैसेज या कॉल में विधि आयोग की कोई भागीदारी नहीं हैं, ये उनकी तरफ से नहीं भेजे जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा है कि विधि आयोग केवल अपनी आधिकारिक वेबसाइट और प्रकाशन के जरिए ही जानकारी देता है। जनता को कहा गया है कि वो इस महीने यानी जुलाई में सतर्क और सावधान रहें और सही जानकारी के लिए सिर्फ आधिकारिक सूत्रों पर भरोसा करें।
भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर चर्चा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में, भोपाल में अपने पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने समान नागरिक संहिता का विषय छेड़ा था जिसके बाद से इसपर डिस्कशन और डिबेट काफी बढ़ गई थी।
कुछ दिन पहले 'ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड' (AIMPLB) ने भारत में यूसीसी के लागू होने पर विरोध व्यक्त किया और अपनी आपत्तियों की रिपोर्ट विधि आयोग को सबमिट की। सिख समुदाय ने भी एक कॉन्क्लेव आयोजित किया और एक समिति का गठन किया जो सरकार से इस विषय पर सिख अधिकारों के संरक्षण को लेकर बात करेगी।
भारत में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए एक 'मंत्रियों के समूह' (GoM) का भी गठन सरकार द्वारा किया गया है जो देश में इसको लेकर कई मुद्दों पर काम करेगा।