Lakhimpuri Kheri Case:Supreme Court ने बढाई आरोपी Ashish Mishra की अंतरिम जमानत, शर्ते रहेगी जारी
नई दिल्ली: Supreme Court ने लखीमपुर हिंसा मामले के मुख्य आरोपी Ashish Mishra को मिली अंतरिम जमानत की अवधि अगले आदेश तक बढा दी है.आशीष पर लखीमपुर में 5 किसानों को अपनी कार से कुचलने का आरोप है.
आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 25 जनवरी को 8 हफ्ते की जमानत दी थी.सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जमानत की अवधि समाप्त होने के चलते मिश्रा की ओर से मामले में जमानत अवधि बढाने को लेकर अनुरोध किया था.
मंगलवार को सुनवाई के दौरान लखीमपुर खीरी कांड मामले के ट्रायल की प्रगति रिपोर्ट भी पेश की गई. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल की प्रगति पर संतुष्टि जताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा मामले का ट्रायल सही तरीके से चल रहा है
Also Read
- बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन करने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट; RJD, TMC सहित इन लोगों ने दायर की याचिका, अगली सुनवाई 10 जुलाई को
- BCCI को नहीं, ललित मोदी को ही भरना पड़ेगा 10.65 करोड़ का जुर्माना, सुप्रीम कोर्ट ने HC के फैसले में दखल देने से किया इंकार
- अरूणाचल प्रदेश की ओर से भारत-चीन सीमा पर भूमि अधिग्रहण का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा बढ़ाकर देने के फैसले पर लगाई रोक, केन्द्र की याचिका पर जारी किया नोटिस
सशर्त दी थी जमानत
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा केस के आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को बड़ी राहत देते 25 जनवरी को 8 सप्ताह की अंतरिम जमानत दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को कई शख्त शर्तो के साथ जमानत दी थी, जमानत की अवधि बढाने पर पूर्व में जारी शर्ते भी लागू रहेंगी.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत देते हुए महत्वपूर्ण शर्त लगाई थी कि वह जमानत पर अपनी रिहाई के बाद उत्तर प्रदेश या दिल्ली में नहीं रह सकता.
अब भी रहना होगा बाहर
पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि आशीष मिश्रा को अपनी रिहाई के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा. साथ ही पीठ ने कहा था कि मिश्रा उत्तरप्रदेश या दिल्ली में नहीं रह सकते, उन्हे अपने नए पते के बारे में अदालत को सूचित करना होगा.
जमानत होगी रद्द
सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ जमानत देते हुए स्पष्ट किया था कि आशीष मिश्रा या मिश्रा के परिवार के किसी सदस्य द्वारा गवाह को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास से जमानत को रद्द किया जाएगा. अगर यह पाया जाता है कि मिश्रा मुकदमे में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं, तो यह जमानत रद्द करने का एक मजबूत आधार होगा.
पीठ ने जमानत के साथ एक शर्त यह भी लगाई थी कि मिश्रा जिस क्षेत्र में रहेंगे वहां के स्थानीय पुलिस थाने में अपनी निरंतर हाजिरी लगाऐंगे.
घटना से जमानत तक
गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर आशीष मिश्रा की कार ने किसानों को रौंद दिया था. इस घटना में आठ किसानों की मौत हो गई थी. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने एसयूवी सवार लोगों पर हमला कर दिया था, जिसमें कार का ड्राइवर और दो बीजेपी कार्यकर्ता मारे गए थे.
मामले में दबाव बढने के लिए आशीष मिश्रा को पुलिस की ओर से गिरफतार किया गया था. जिसके बाद जमानत के लिए आशीष मिश्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 फरवरी 2022 को आशीष मिश्रा की ओर से दायर जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए उसे सशर्त रिहा करने का आदेश दिया था.
रद्द होने से जमानत मिलने तक
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पीड़ित पक्षों के साथ कई अन्य लोगो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. 18 अप्रैल 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट की ओर से मिश्रा को दी गई जमानत को निरस्त करते हुए हाईकोर्ट को निर्देश दिए थे कि वह पीड़ित पक्ष को पर्याप्त सुनवाई का मौका देकर जमानत याचिका पर फैसला सुनाए.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर से इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 26 जुलाई 2022 को आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया था.
इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ आशीष मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौति देते हुए याचिका दायर की. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद 19 जनवरी 2023 को फैसला सुरक्षित रखा था.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने 25 जनवरी को फैसला सुनाते हुए आशीष मिश्रा को 8 सप्ताह की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था.