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L Victoria Gowri बनी मद्रास हाईकोर्ट की जज, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ही ली शपथ

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रहने के दौरान ही मद्रास हाईकोर्ट में सुबह 10.35 बजे एडवोकेट एल विक्टोरिया गौरी ने शपथ ले ली है. मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने उन्हे पद एवं गोपनियता की शपथ ली

Written By Nizam Kantaliya | Published : February 7, 2023 5:25 AM IST

नई दिल्ली: एडवोकेट लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी के हाईकोर्ट जज बनाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रहने के दौरान ही मद्रास हाईकोर्ट में सुबह 10.42 बजे एडवोकेट गौरी ने शपथ ली. एडवोकेट गौरी ने मद्रास हाईकोर्ट के एडिशनल जज के रूप में शपथ ली है.  कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने उन्हे पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाई.

सुप्रीम कोर्ट में सुबह 10.30 बजे से जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बी बार गवई की पीठ ने सुनवाई शुरू की. गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी मद्रास हाईकोर्ट में शपथग्रहण कार्यक्रम जारी रहा. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 10.35 बजे शुरू हुए समारोह में सुबह 10.42 मिनट पर विक्टोरिया गौरी को पद एव गोपनियता की शपथ दिलाई गई.

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मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टी राज ने उन्हे पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाई. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई तय होने के बाजवूद मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने कार्यक्रम में किसी तरह का बदलाव नहीं किया.

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शपथग्रहण का कार्यक्रम समाप्त होने से पूर्व ही सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट गौरी की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर चुका था.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने 22 मिनट तक सुनवाई के बाद तय किया कि इस मामले में उनके पास हस्तक्षेप करने का सीमित क्षेत्र है.

सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि पहले भी ऐसे मौके आए हैं, जब पॉलिटिकल बैकग्राउंड वाले लोग सुप्रीम कोर्ट में भी जज बने।

गौरतलब है कि गौरी की नियुक्ति के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट 22 वकीलों के एक ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में गौरी पर राजनैतिक दल  से जुड़े होने और इस्लाम और ईसाई वर्ग के प्रति नफरत भरे भाषण देने का आरोप था.

शपथग्रहण समारोह पूर्ण होने तक सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही मद्रास हाईकोर्ट में शपथग्रहण कार्यक्रम अपने पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार ही जारी रहा.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद ही हाईकोर्ट में हाई टी का आयोजन किया जा रहा है.