Kolkata Doctor Rape-Murder Case: सुप्रीम कोर्ट लाइव अपडेट्स, सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच करेगी सुनवाई, CBI सौंपेगी जांच रिपोर्ट
Kolkata Doctor Rape-Murder Case: आज सुप्रीम कोर्ट कलकत्ता डॉक्टर रेप-मर्डर केस मामले की सुनवाई करेगी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के सामने सीबीआई अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंपेगी. वहीं पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से अपने काम पर लौटने व सोशल मीडिया से पीड़िता की पहचान जाहिर करनेवाली पोस्ट को हटाने के निर्देश दिए थे. हालांकि, मामले की सुनवाई 5 सितंबर को होनी थी, किसी कारणवश इस तारीख पर सुनवाई टल गई, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट आज इस मामले की सुनवाई करेगी.
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायधीश सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने इस मामले को सुनेगी. वहीं पश्चिम बंगाल राज्य की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश होंगे.
डॉक्टर काम पर लौटे, सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी: सुप्रीम कोर्ट
पिछली सुनवाई में, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने डॉक्टरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेते हुए उन्हें अपने काम पर लौटने का अनुरोध किया.
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सीजेआई ने कहा,
"डॉक्टरों के लिए अपनी ड्यूटी पर लौटने के लिए सुरक्षित परिस्थितियों को बनाए रखना आवश्यक है, न केवल अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए बल्कि अपने मरीजों को चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए भी. इसे लेकर हमें एसजी मेहता द्वारा आश्वासन दिया गया है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की सुविधा की सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में सीआईएसएफ की तैनाती की जाएगी."
पश्चिम बंगाल राज्य की ओर से अदालत में मौजूद सीनियर एडोवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि इसका उद्देश्य जगह की सुरक्षा करना है.
लाइव अपडेट
अब मामले में अगली सुनवाई 17 सिंतबर को होगी.
एक वकील अपनी बात रखने के लिए जोर से आवाज उठाता है
सीजेआई: बात सुनिए, अपनी आवाज धीमे रखिए, आप यहां पीठ को संबोधित करने आए हैं, वीडियो स्ट्रीमिंग में शामिल लोगों को नहीं. सीजेआई ने इसके बाद कपिल सिब्बल को डॉक्टरों के खिलाफ किसी भी कठोर कार्रवाई पर रोक लगाए रखने को कहा है.
सीजेआई: हम जानते हैं कि जमीन पर क्या हो रहा है, लेकिन डॉक्टरों को अब काम पर वापस आना चाहिए, वे यह नहीं कह सकते कि सीनियर डॉक्टर काम कर रहे हैं इसलिए हम काम नहीं करेंगे, हमने सभी को नोटिस दे दिया है.
सीजेआई: पश्चिम बंगाल राज्य को डॉक्टरों के मन में यह विश्वास पैदा करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि उनकी सुरक्षा की हमें चिंता हैं और उनका उचित तरीके से समाधान किया जाना जा रहा है. पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ बनाई जाएं (जिसमें अलग-अलग ड्यूटी रूम, शौचालय की सुविधा, सीसीटीवी कैमरे लगाना शामिल है)
सीजेआई: राज्य ने हलफनामे में संकेत दिया है कि सुरक्षा उपायों को लागू करने के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है. इसकी निगरानी जिला कलेक्टरों द्वारा की जाएगी। विश्वास की भावना पैदा करने के लिए हम कहते हैं कि यदि डॉक्टर कल शाम 5 बजे तक काम पर आ जाते हैं, तो उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी. यदि दी गई सुविधाओं के बावजूद लगातार काम से अनुपस्थित रहे, तो भविष्य में कार्रवाई की संभावना है.
जे पारदीवाला: एक समय में एक निश्चित शिफ्ट में कितने रेजिडेंट डॉक्टर काम करते हैं?
सिब्बल: मैं पता लगाऊंगा
सीजेआई: कलकत्ता में कुल कितने सरकारी अस्पताल हैं? 737?
सिब्बल: हम पता लगाएंगे
लूथरा कहते हैं कि कई डॉक्टरों को धमकियों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ डॉक्टर अस्पताल के बाहर स्वैच्छिक रूप से उपचार दे रहे हैं, - महिला डॉक्टरों के लिए शौचालय, आराम करने के लिए कमरे और सुरक्षा सावधानियां होनी चाहिए.
सीजेआई: हम यह दर्ज कर सकते हैं कि यदि डॉक्टर काम पर लौटते हैं, तो कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन यदि वे डॉक्टर के रूप में काम पर नहीं लौटते हैं, तो हम राज्य सरकार को कार्रवाई करने से नहीं रोक सकते हैं.
सीजेआई: क्या हम डॉक्टरों के सभी वकीलों के आश्वासन पर यह दर्ज करते हैं कि वे वापस लौटेंगे और काम से दूर नहीं रहेंगे?
लूथरा: वरिष्ठ डॉक्टर, 200 के करीब ड्यूटी पर हैं, लेकिन जूनियर डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं हैं, कलकत्ता और आस-पास में जो डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं हैं, उन्हें धमकियां मिल रही हैं. वे कहते हैं कि हमें पता है कि आपके पिता सरकारी नौकरी में हैं आदि आदि.
सिब्बल: पुलिस की अनुमति के बिना सभी जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, हम क्या करें? यह अब कुछ और रूप ले रहा है, 41 पुलिस कर्मियों पर इसका असर पड़ा है, एक की आंख हमेशा के लिए चली गई, पुलिस का इलाज करने से मना किया जा रहा है.
सिब्बल: डॉक्टरों के काम पर वापस न आने से 23 लोगों की मौत हुई, 6000 लोग प्रभावित हुए, वे काम पर नहीं जाते है, माननीय न्यायाधीश ने पिछली बार कहा था कि उन्हें काम पर वापस जाना चाहिए, इसलिए माननीय न्यायाधीश को यह संकेत देना चाहिए कि यदि वे काम पर वापस नहीं आते हैं तो कार्यवाही शुरू की जाए.