सिर्फ फिल्मों-ओटीटी शोज को देखकर युवाएं नहीं हो रहे धूम्रपान के लिए प्रेरित, Kerala HC ने कही ये बात
केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में एक सुनवाई के दौरान स्मोकिंग की समस्याओं पर अपने विचार रखे. कोर्ट ने कहा यह एक धारणा है कि फिल्मों या टीवी सीरियल में स्मोकिंग के दृश्य दिखाए जाने से लोग, खासकर युवा वर्ग प्रभावित होते है. जस्टिस देवन रामचन्द्रन ओटीटी प्लेटफार्म चल रहे कंटेट से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की जिसमें स्मोकिंग दृश्यों के दौरान तंबाकू उत्पाद संबंधी चेतावनी दिखाने की मांग थी.
OTT Platform दिखाए तंबाकू संबंधी चेतावनी
याचिका में कहा गया कि ओटीटी पर कंटेट प्रकाशक सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 (COTPA, 2023) की अनदेखी कर रहे हैं.
जस्टिस देवन रामाचंद्रन ने कहा,
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"यह आपकी सोच है. आप आजकल के बच्चों को कमतर समझ रहे हो. वे, हम और आप से कहीं ज्यादा बुद्धिमान है. वे ये सब सिर्फ स्क्रीन पर देखकर नहीं कर रहे हैं, ऐसा करने के पीछे उनके अपने कोई निजी कारण है. मैं सहमत हूं कि धूम्रपान (Smoking), शराब पीना (Drinking) और यहां तक कि ड्रग्स (Drugs) भी इसलिए नहीं ली जाती कि इन चीजों को किसी स्क्रीन पर दिखाया गया है. आमतौर पर ये आदतें अपने साथियों के दबाव, आसानी से हर जगह उपलब्ध होना और आस पास के लोगों द्वारा इसका सामान्य तौर पर प्रयोग ने इन चीजों को बढ़ावा दिया है."
जस्टिस रामाचंद्रन आगे कहते है, कि युवाओं को नशे की लत छुड़ाने के लिए हर कदम पर में आपके साथ हूं. वहीं, ये चीजें सिर्फ टीवी या फिल्मों में दिखाए जाने से नहीं बढ़ रही. जस्टिस ने कहा,
"मैं आपके खिलाफ नहीं, मैं आपके साथ हूं. अगर युवाओं में शराब की लत छुड़ाने के लिए कोई उपाय हो तो मैं आपके साथ ही खड़ा हूं. नये उम्र के लोग सिर्फ टीवी या फिल्मों में देखकर नहीं सीख रहे, यह लत उनके साथियों के दबाव से आते है."
VHS ने उठाया मुद्दा
इस याचिका को स्वैच्छिक स्वास्थ्य सेवाओं (Voluntary Health Services), स्वैच्छिक स्वास्थ्य संघ आफ इंडिया से संबंद्ध, द्वारा दायर की गई. याचिका में इस बात पर जोर दिया गया कि ओटीटी प्लेटफार्म स्मोकिंग दृश्यों के दौरान तंबाकू उत्पाद संबंधी चेतावनी देने के नियमों की अनदेखी कर रहा था. याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने मामले से संबंधित अधिकारियों के समक्ष यह मुद्दा पहले उठाया था, जिस पर उसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. जिसके बाद इस मामले को उसने याचिका के जरिए केरल हाईकोर्ट के सामने लाकर उचित कार्रवाई की मांग की है.